ब्लैक फंगस से मरीज की मौत पर तीमारदारों की डॉक्टरों से मारपीट

0
1158

लखनऊ। म्यूकरोमायकोसिस यानी ब्लैक फंगस से मरीज की मौत पर किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में तीमारदारों ने हंगामा मचाते हुए रेजिडेंट डॉक्टर से बढ़ गए और मारपीट कर बैठे। तीमारदारों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। जबकि केजीएमयू प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर सिंह का दावा है कि मरीज को म्यूकरमाइकोसिस की बीमारी के अलावा चेस्ट की दिक्कत भी थी, अचानक दिक्कत होने पर डॉक्टर मरीज का इलाज कर रहे थे। इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई। इसमें डॉक्टरों की कोई गलती नहीं है। केजीएमयू के प्रॉक्टर ने मारपीट करने वाले तीमारदारों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी है।
केजीएमयू के सर्जिकल वार्ड में भर्ती लखीमपुर निवासी मरीज को ब्लैक फंगस की दिक्कत होने पर केजीएमयू में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों का कहना है कि पोस्ट कोविड का मरीज होने के कारण उसे चेस्ट में भी दिक्कत थी। उसका इलाज चल रहा था, आज अचानक चेस्ट में दिक्कत होने पर तबीयत बिगड़ने लगी, डॉक्टरों ने इलाज भी शुरू कर दिया। इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई इस पर तीमारदार नाराज हो गए और हंगामा शुरू कर दिया, डॉक्टरों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया तो उनसे मारपीट करने लगे। डॉक्टरों ने स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दे दी और मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी तीमारदारों को पकड़ लिया। तीमारदारों का आरोप है कि ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए निर्धारित इंजेक्शन की कमी बता कर के सिफारिश वाले मरीजों को लगाया जा रहा है। जबकि जिन मरीजों को जरूरत है उनको कमी बताकर वेटिंग में रखा जा रहा है। केजीएमयू प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं है पहले से ही इंजेक्शन कमा रहे हैं और गंभीर मरीजों को डॉक्टरों की अनुसार लगाए भी जा रहे हैं। ब्लैक फंगस के सभी मरीजों की हो रहा है और सर्जरी भी की जा रही है। तीमारदारों का आरोप है गलत है।

Advertisement
Previous articleभ्रामरी प्राणायाम कोरोना प्रबंधन में है लाभकारी : डॉ. एम. के तनेजा
Next articleप्रधानमंत्री ने जो कहा वो किया: योगी आदित्यनाथ

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here