लखनऊ। बेहोश महिला के मस्तिष्क के अंदर नस में रक्त स्राव को बिना चीरा लगाये ठीक कर दिया। विशेषज्ञ डॉक्टरों ने विशेष क्लीनिकल तकनीक के जरिए मरीज की जांघ से विशेष प्रकार का स्टंट को सीधे दिमाग में निर्धारित स्थान पर पहुंचा कर रक्त स्राव को बंद कर दिया। यह जटिल न्यूरो सर्जरी गोमती नगर स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के
वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ कुलदीप यादव ने किया । उनका दावा है कि मरीज होश में है और उसके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है।
डॉ यादव ने बताया गोरखपुर की 40 वर्षीय महिला ज्ञानवती अपने घर पर पांच दिन पहले अचानक बेहोश हो गई। स्थानीय डॉक्टरों को दिखाने के बाद उन्हें बेहोशी की हालत में तीमारदार मरीज को लेकर गोमती नगर स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान की इमरजेंसी पहुंचे। यहां मरीज को न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती कराया गया। सटीक समस्या को जानने के लिए दिमागी की एंजियोग्राफी की गई। जांच में एन्युरिज्म की पुष्टि हुई। इसमें नस गुब्बारे की तरह फूल जाती है। परेशानी बढ़ने पर उसमें रक्तस्राव होने लगता है। उन्होंने बताया कि नस से खून का रिसाव बढ़ने से कठिनाई लगातार बढ़ती जा रही थी। फ्लो डायवर्टर व ऑपरेशन आदि का खर्च करीब नौ लाख रुपये आ रहा था। परिजन सर्जरी के लिए इतनी बड़ी रकम जुटा पाने में असमर्थ थे। इकसे बाद डॉक्टरों ने फिर विचार विमर्श करके हैंड वोवेन स्टैंड तकनीक पर डालने का निर्णय लिया । डॉ यादव ने बताया इस सर्जरी में लगभग तीन लाख रुपये के लागत आ गई।
डॉ. कुलदीप के जटिल सर्जरी में वोवेन स्टैंड डालने की प्रक्रिया में भी छह घंटे का समय लगा। उन्होंने बताया इस तकनीकी में जांघ की एक विशेष नस के द्वारा स्टंट को बेहद सावधानी पूर्वक मस्तिष्क में एनुरिज्म के आगे वाले हिस्से तक पहुंचाया गया। वह उसे मरोड़ करके जोड़ दिया गया। डॉ यादव का कहना है कि क्लीनिकल साइंस में इस तकनीक को पुअर मैन फ्लो डायर्वटर कहते हैं। इससे खून का रिसाव रूक गया, जबकि फ्लो डायवर्टर से फटी नस दुरुस्त करने में आधे घंटे का समय लग गया।
डॉ. कुलदीप यादव के साथ, न्यूरो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. डीके सिंह, मोहम्मद कैफ, डॉ. विपुल, डॉ. विपिन, डॉ. दिवाकर, डॉ. अरूण, डॉ. बृहस्पति, लैब टेक्नीशियन विपिन, एनस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक मालवीय व अन्य शामिल हुए।