ब्लड डोनेशन से हार्ट और लिवर भी रह सकते हैं स्वस्थ

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लखनऊ। ब्लड डोनेट करने से हार्ट की सेहत में सुधार हो सकता है। इससे हार्ट की बीमारियां आैर स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित रूप से ब्लड डोनेशन करने से अतिरिक्त आयरन की मात्रा नियंत्रित हो जाती है, जो कि ज्यादा होने पर हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा देती है।

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यही नहीं एक बार ब्लड डोनेशन की ब्लड यूनिट के घटकों से तीन जिंदगी बचाने में मदद मिलती है। यह बात किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग प्रमुख प्रो. तूलिका चंद्रा कार्यक्रम ने बतायी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान में सुधार हुआ है। डा. तूलिका ने बताया कि प्रत्येक महीने में 5500 आैसतन ब्लड डोनेशन होता है। इस वर्ष सात हजार प्रति माह ब्लड डोनेशन हो रहा है।

उन्होंने बताया कि विशेष रूप से युवा आबादी की मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता है। इसके तहत बच्चों को रक्तदान के फायदे बताने की जरूरत है, ताकि वे रक्तदान के प्रति अपनी आशंकाओं को दूर कर सकें। रक्तदान के बारे में अक्सर मिथक है कि कमजोर जाएंगे। जब कि शरीर में 5-6 लीटर ब्लड होता है। सिर्फ 350 मिलीलीटर ही दान करते हैं, जो आरक्षित रक्त होता है। ब्लड डोनेशन से पुराना रक्त अस्थि मज्जा नया रक्त बनाने के लिए उत्तेजित हो जाता

है, जो शरीर के लिए मजबूत और अधिक उपयोगी होता है। डा. तूलिका ने बताया कि ब्लड में आयरन की अधिकता हेपेटाइटिस सी आैर अन्य लिवर संक्रमण के कारण बनता है। ब्लड डोनेशन से अतिरिक्त आयरन निकल जाता है आैर लिवर स्वस्थ रहता है। ब्लड डोनेशन के बाद एचआईवी के लिए नवीनतम तकनीक के माध्यम से चिकित्सकीय परीक्षण के साथ-साथ कुछ अन्य महत्वपूर्ण बीमारियों का भी परीक्षण करते हैं। इनमें एचसीवी. आदि वह भी पूर्णतया निःशुल्क होती है।

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