लखनऊ। ब्लड का कोई विकल्प नहीं है। इसके लिए सभी लोगों को रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान के लिए अभी लोगों में भ्रामक स्थित बनी रहती है। जब कि रक्तदान से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है। यह बात विश्व रक्तदान दिवस पर आयोजित गोष्ठी में गोमती नगर के डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एके त्रिपाठी ने कही। गोष्ठी में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. भुवन तिवारी, डीन डा. मुकुल मिश्रा आदि वरिष्ठ डाक्टर मौजूद थे।
निदेशक प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि ब्लड की अावश्यकता सिर्फ एक्सीडेंट के दौरान ही नही मरीज को पड़ती है, बल्कि कई गंम्भीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को नियमित पड़ती रहती है। रक्तदान के अलावा ब्लड मिलने का कोई विकल्प भी नही है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. भुवन तिवारी ने कहा कि प्लेटलेट्स, प्लाज्मा के अलावा अन्य अवयव भी मरीज के लिए महत्वपूर्ण होते है, जोकि सिर्फ ब्लड से मिल सकते है। ब्लड डोनेशन के लिए सिर्फ आवश्यकता पड़ने पर ही नहीं बल्कि ऐसे भी समय- समय पर ब्लड डोनेशन करना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने किसी जरूरतमंद को ब्लड दिया जा सके।
ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन व ब्लड बैंक प्रभारी डा. सुब्रातचंद्रा ने कहा कि ब्लड डोनेशक को लेकर लोगों में भ्रम बना रहता है कि ब्लड डोनेशन के बाद उन्हें चक्कर आ जाएगा आैर दिक्कत होने लगेगी। जब कि ऐसा कुछ नहीं है। गोष्ठी में एमबीबीएस, नर्सिंग के छात्र- छात्राओं ने भी भाग लिया। इस अवसर पर ब्लड डोनेशन सम्बधी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। गोष्ठी में वरिष्ठ डाक्टरों के अलावा सीनियर रेजीडेंट डा. शारा , डा. कीर्ति भी मौजूद थे।
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