डेस्क। युवा महिलाओं की स्तन कैंसर तो बढ़ ही रहा है, परन्तु शोध बताता है कि युवा महिलाओं की तुलना में बुर्जुग महिलाओं में स्तन कैंसर की आशंका अधिक होती है। शोध में पाया गया है कि बुर्जुग महिलाओं में एडवांस्ड स्टेज के स्तन कैंसर की आशंका 46 अधिक है। पटना में आयोजित एक कार्यशाला में ऑन्कोलॉजिस्ट््स ने कहा कि युवा महिलाओं की तुलना में उम्रदराज महिलाओं में इस बीमारी के ज्यादा एडवांस्ड स्टेज के मामले मिल रहे हैं। उनका कहना है कि सभी उम्र के लिए जोखिम कारकों के ज्ञान में वृद्धि, नियमित जांच और समय पर उपचार स्तन कैंसर से निपटने और भारत में रुगण्ता एवं मृत्यु-दर को कम करने की मौलिक चीजें हैं। यहां सभी नए कैंसर के मामलों में 10 प्रतिशत से अधिक मामले स्तन कैंसर के होते है। अगर देखा जाए वर्ष 2015 में स्तन कैंसर के तकरीबन 155,000 नए मामले सामने आए और उनमें से करीब 76,000 लोगों को इस बीमारी की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी।
राज्य के सबसे बड़े कैंसर अस्पताल महावीर कैंसर संस्थान की मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. मनीशा सिंह ने कहा,”हमारे पास यह दिखाने के पर्याप्त सबूत हैं कि महिलाओं में बढ़ती उम्र के साथ उनके स्तन ऊतक की संरचना में बदलाव होता है। ये बदलाव उनके स्तन कैंसर का खतरा को बढ़ाते हैं और उन्हें स्तन कैंसर के अधिक आक्रामक रूप के लिए अतिसंवेदनशील बनाते हैं। मैं महिलाओं को उनके स्तन कैंसर के खतरे के प्रति सजग रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती हूं, और उन्हें 40 साल की उम्र के बाद नियमित स्तन कैंसर की जांच कराने कराया जाना चाहिए। ऐसा करने से रोग का जल्दी से पता लग जाएगा और अधिक अनुकूल तरीके से उपचार कर रोग का निदान किया जा सकेगा।”
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