बुध ग्रह का समस्त ग्रहों में महत्व बहुत ही व्यापक है। इसी कारण ज्योतिष शास्त्र में भी ये माना गया है कि कुंडली में बुध ग्रह के कमजोर होने से जातक की जिंदगी में बहुत सी समस्याएं देखी जाती हैं, लेकिन इसके विपरीत अगर कुंडली में बुध बलवान या प्रबल अवस्था में हो तो ये भी देखा गया है कि जातक को उसके जीवन में कई लाभ मिलते हैं। इसी लिए बुध देव की हर चाल, हर स्थिति एवं हर गोचर अवधि हर एक जातक के जीवन को अलग-अलग प्रकार से प्रभावित करती है।
यूँ तो बुध सबसे छोटा ग्रह है लेकिन ये सूर्य देव के सबसे निकट होने के चलते समस्त ग्रहों में से महत्वपूर्ण ग्रह के तौर पर गिना और देखा जाता है। इसी महत्व को देखते हुए इसे देवताओं के राजकुमार होने का दर्जा भी प्राप्त है। इसकी विशेषता का पता खुद इस बात से ही लग सकता है कि ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि बुध सही तो सब शुभ यानि सबकुछ सही रहता है लेकिन यही बुध जब किसी कुंडली में उग्र रूप ले लेता है या नीच का हो जाए तो जातक के जीवन में ख़ुशियाँ अपना रास्ता बदल लेती हैं।
बुध के कुंडली में नीच अवस्था में होने पर:-
- जातक को जीवन भर मुसीबतों का सामना करना पड़ता है।
- जातक को कई तरह के रोग व बीमारियाँ होने लगती हैं।
- जातक के ऊपर कर्ज चढ़ने लगता है और वो आर्थिक तौर पर भी बुरी तरह प्रभावित रहता है।
- बुध के कुंडली में नीच अवस्था में होने पर पद प्रतिष्ठा, मान सम्मान, यश बल सबसे निचले स्थर पर पहुँच जाता है।
- जातक को शिक्षा के क्षेत्र में भी परेशानियां रहती हैं। ऐसे जातक अपनी बातों से किसी को भी प्रभावित नहीं कर पाते।
ये ऐसे तथ्य हैं जिसके चलते ही कहा जाता है कि ग्रह चाहे छोटा हो या बड़ा, उसका प्रभाव किसी भी दूसरे ग्रह से कम नहीं आंका जा सकता है। लेकिन कुंडली में बुध को बलवान होने पर बेहद शुभ माना जाता है।
बुध के कुंडली में बलवान होने पर:-
- बुध के कुंडली में बली होने से जातक सौंदर्यवान रहता है।
- समाज़ में जातक की आभा अनुपम हो जाती है और ऐसा व्यक्ति एक अच्छा वक्ता बनता है। जिसकी बातें हर कोई सुनना चाहता है।
- कुंडली में बलवान बुध ग्रह होने से जातक अगर व्यापार करता है तो उसे व्यापार में बुध खूब सफलता दिलाते हैं।
- खासकर शेयर बाजार या रुपये से संबंधित कारोबार में जातक को उत्तम धन लाभ होता है।
- जातक शिक्षा के हर क्षेत्र में सफल होता है।
इसी लिए कहा गया है कि यदि बुध आपके पक्ष में रहे तो आपको मालामाल कर देता है। लेकिन वहीं अगर वो आपसे नजर फेर ले तो आपको पैसे-पैसे के लिए मोहताज कर सकता है।
बुध के गोचर काल की अवधि
बुध देव को वैदिक ज्योतिष में बुद्धि, वाणी और तर्क शक्ति का हमेशा से ही कारक मन जाता रहा है। बुध ग्रह 2 जून 2019, रविवार को प्रातः 00:08 बजे वृषभ राशि से अपनी ही राशि मिथुन में गोचर करेगा और 21 जून 2019, शुक्रवार प्रातः 02:19 बजे तक इसी राशि में स्थित रहेगा।
बुध के गोचर से आएँगे ये बदलाव
ऐसे में बुध के इस संचरण का प्रभाव सभी राशियों पर होगा लेकिन वृषभ, सिंह, कन्या, तुला, कुंभ और मीन राशि के जातकों पर इसका विशेष प्रभाव देखने को मिल सकता है। क्योंकि इन राशि के लोगों को बुध के प्रभाव से कार्य में सफलता और शुभ फल मिलने के योग हैं। वहीं मिथुन राशि में स्थित होने से बुध पर शनि की विशेष दृष्टि रहेगी। जिसके प्रभाव से देश भर में सोना-चांदी में तेजी के बाद अचानक से मंदी आने की उम्मीद है। इसके अलावा बैंकिंग सेक्टर के शेयर्स और शक्कर में भी तेजी देखने को मिल सकती है।
-पंडित समीर झा “आचार्य”
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