लखनऊ। बुढ़ापे में अपने दांतों की दिक्कतों परेशान न हो, इसके लिए अपने डेंटल डाक्टर के सम्पर्क में रहना चाहिए। यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के दंत संकाय के वरिष्ठ डा. लक्ष्य ने दी। डा. लक्ष्य इण्डियन डेंटल एसोसिएशन के लखनऊ शाखा के 2018 कार्यकारिणी के गठन के अवसर पर डाक्टरों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा विज्ञान में परिवर्तन के बाद मृत्युदर में कमी आने व लोगों की औसत आयु बढने से डाक्टरों की जिम्मेदार और बढ़ गयी है। विशेषकर डेंटल डाक्टर की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण होती जा रही है।
उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में लोगों की औसत आयु 70 से 75 साल के बीच हो गयी है। 70 साल की उम्र तक आते -आते ज्यादातर लोगों के दांत बेकार हो जाते है या टूट चुके होते हैं। दांत खराब होने से भोजन करने की समस्या होती है। सही से भोजन न कर पाने के कारण कई बीमारियां शरीर को घेर लेती है। इस समस्या को देखते हुए दंत चिकित्सकों को बुजुर्गो के दांत को बचाने के बारे में लगातार काम करना होगा। साथ ही बुढ़ापे में दांत की बीमारी से बुजुर्ग परेशान न हो इसके लिए पहले से ही एहतियातन आम लोगों को भी अपने चिकित्सक के संपर्क में रहना चाहिए।
उन्होंने बताया कि 2025 आते -आते दांत की समस्या से लगभग 40 प्रतिशत लोग ग्रसित हो सकते हैं, जिसमें बुजुर्गो की संख्या सबसे ज्यादा होगी। ऐसे में दंत चिकित्सकों को के लिए यह भी जरूरी है कि जो व्यक्ति उनके पास इलाज के लिए आये तो उसके पर इलाज का ज्यादा बोझ न पड़े। इसके बाद इण्डियन डेंटल एसोसिएशन की लखनऊ शाखा की नई कार्यकारणी का गठन किया गया।
- प्रेसिडेंट-डा. नन्दलाल
- प्रेसिडेंट इलेक्ट-डा.आरवी.सिंह
- वॉयस प्रेसिडेंट- डा.आशीष खरे ,डा.मोहित सेठ
- सिके्रटरी-डा.रमेश भारती
- ट्रेजरार-डा.विजय शाक्य
- असिस्टेंट सिक्रेटरी-डा.प्रज्ञा पाण्डेय
- सीडीएच इंचार्ज-डा.अनिल चंद्रा
- सीडीई इंचार्ज- डा.विनय गुप्ता
- एडिटर- डा.अरविंदर सिंह
- कार्यकारी सदस्य- डा.सुधीर कपूर,डा.प्रोमिला वर्मा,डा.अंकिता मेहरा,डा.सचिन श्रीवास्तव,डा.अमिताब गुप्ता,डा.रमेश चंद्रा
- एडवाइजर-डा.एपी.टिक्कू,डा.विवेक गोविला,डा.स्मिता गोविला,डा.त्रिपती टिक्कू,डा.विवेक,डा.अंकित