लखनऊ। प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 10 दिसम्बर से अब तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में विधि विरूद्ध प्रदर्शनों,आगजनी, तोड़फोड़ एवं पुलिस पर फायरिंग आदि की घटनाओं में अब तक 1113 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जबकि 5558 लोगों को हिरासत में लेकर निरोधात्मक कार्रवाई की गयी। पुलिस प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक प्राप्त सूचनाओं के अनुसार सीएए के विरोध में सम्पूर्ण प्रदेश में हुए उग्र प्रदर्शन के दौरान हिंसा,आगजनी एवं तोड़फोड़ की घटनाओं के क्रम में प्रदेश में 19 व्यक्तियों की मृत्यु हुयी तथा 288 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिनमें 61 पुलिसकर्मी फायर आम्र्स से घायल हुए हैं।
घटनास्थलों से 647 नान प्रतिबंधित बोर (315 बोर, 12 बोर) के खोखा कारतूस, 69 जीवित कारतूस तथा 35 अवैध तमंचें भी बरामद हुए। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में राज्यभर में कुल 327 अभियोग पंजीकृत किये गये हैं, जिनमें अब तक 1113 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया जबकि 5558 लोगों को हिरासत में लेकर निरोधात्मक कार्रवाई की गयी है।
उन्होंने बताया कि सम्भल जिले में 20 दिसम्बर को अपराध शाखा के निरीक्षक की पिस्टल भी उपद्रवियों द्वारा छीन ली गयी थी। इस मामले में अभियोग पंजीकृत कर विधिक कार्रवाई की जा रही है। प्रवक्ता के अनुसार राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी)ओ पी सिंह द्वारा इस संबंध में पंजीकृत अभियोगो की विवेचनाओं के निस्तारण के लिए अपर पुलिस अधीक्षक अपराध/अपर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कराकर कार्रवाई सम्पादित कराये जाने के निर्देश दिये है। विवेचनाओं का निष्पक्ष एवं गुणवत्तापरक निस्तारण के लिए अभियोगों की विवेचना के लिए सुयोज्ञ तथा भिज्ञ विवेचनाधिकारी नियुक्त किया जाय।
उन्होंने बताया कि इस क्रम में सीसीटीवी फुटेज व अन्य उपलब्ध रिकार्डिंग से वास्तविक उपद्रवियों की पहचान कर विधिक कार्रवाई की जाय। समूचे प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पूर्णतया नियनण में है, तथा सामान्य जन-जीवन सुचारू रूप से चल रहा है। सम्प्रति साक्ष्य संकलन एवं उपद्रवियों की गिरफ्तारी एवं षडयंाकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया प्रभावी ढंग से प्रचलित है।
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