लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण की लापरवाही से अवैध रूप से बना लेवाना होटल गिराया जा सकता है। बताया जाता है कि शासन ने अग्निकांड की घटना के बाद सख्त निर्देश दिए हैं कि मानकों के विपरीत बनाए गए होटलों की जांच पड़ताल की जाए और ठोस कार्रवाई की जाए। वही होटल लेवाना का ना तो कोई मानचित्र मिल रहा है। फायर बिग्रेड की एनओसी नियमों को ताक पर रख कर दी गई है। 5 लोगों की मौत के बाद बताया जाता है कि होटल को गिराया जा सकता है। देर शाम होटल की नाप जोख की जा रही थी।
अग्निकांड की घटना के बाद होटल लेवाना की सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही करने के निर्देश दिए जा सकते है।
बताया जाता है कि प्राथमिक जांच के बाद लखनऊ कमिश्नर ने होटल लेवाना के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू कर दी है और इसी क्रम में शाम को होटल की नाप जोख की जा रही थी।
कमिश्नर डॉ रोशन जैकब शासन द्वारा बनाई गई जांच कमेटी में प्रमुख रूप से शामिल हैं।
इसके अलावा फायर विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं।
उच्च अधिकारियों का कहना है कि फायर एस्केप प्रणाली और लोहे की ग्रिल के बावजूद फायर NOC कैसे दे दी गई।
इतनी गड़बड़ी के बाद भी होटल की तरफ से 2021 से 2024 तक का फायर एनओसी रिन्यूअल प्रस्तुत की गई। अग्निकांड में होटल को फायर की एनओसी देने वाले अधिकारी पर भी कार्यवाही की जा सकती है।
होटल लेवाना का निर्माण कराने वाले अग्रवाल बंधुओं ने स्वीकृत मानचित्र के ही होटल का निर्माण करा दिया था।
जांच में लेवाना होटल प्रशासन एलडीए से स्वीकृत कोई भी मानचित्र प्रस्तुत कर सका है।
बिना नक्शे के बने हुए होटल के संचालन के लिए दोषी अफसरों पर भी कार्यवाही के निर्देश जाने की तैयारी चल रही है।
एलडीए की तरफ से 26 मई 2022 को नोटिस दी गयी थी।
होटल लेवाना की तरफ से कोई जवाब ना देने पर 28 अगस्त 2022 को फिर नोटिस दी गयी थी।
लखनऊ के अन्य होटलों पर भी विधिक कार्यवाही करने की तैयारी शुरू हो गई है।
नोटिस का जवाब ना देने वाले होटलों की सीलिंग की जा सकती है।