इन सब कारणों से बढ़ता है कैंसर: डा. सूर्यकांत

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केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में वल्र्ड कैंसर दिवस पर लोगो को किया गया जागरूक

 

 

 

लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग अपना 75 वाँ स्थापना वर्ष मना रहा है। इसके तहत रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग ने शुक्रवार को वल्र्ड कैंसर दिवस मनाया गया।

रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष एवं इंडियन सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ लंग कैंसर की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य डा. सूर्यकान्त ने बताया कि कैंसर कई प्रकार के होते हैं। लंग कैंसर, ब्लड कैंसर, गर्भाशय का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, मुंह का कैंसर, मस्तिष्क का कैंसर, गले का कैंसर, अंडाशय का कैंसर, पेट का कैंसर, स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर आदि। अगर हम कैंसर के लक्षणों की बात करें, तो पेट में लगातार दर्द बने रहना, त्वचा पर निशान, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, कफ और सीने में दर्द, थकान और कमजोरी महसूस करना, घाव का ठीक न होना, शरीर के किसी हिस्से में गांठ महसूस होना, शरीर का वजन अचानक से कम या ज्यादा होना आदि मुख्य है।
कैंसर का मुख्य कारण विगत वर्षों में बढ़ता हुआ प्रदूषण, कीटनाशक दवाओं का अत्याधिक उपयोग एवं अन्य मुख्य कारणों में धूम्रपान, घरों के चूल्हों से निकला हुआ धुआं व परोक्ष धूम्रपान है। आम जनमानस में फेफड़ों के कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए इसके लक्षणों के बारे में बताया गया जिसमें लगातार खांसी आना, सांस फूलना, खांसी के साथ खून का आना, सीने में दर्द, वजन कम होना और बार बार लंग इंफेक्शन होना शामिल है। लंग कैंसर पुरूष एवं महिलाओं में मुख्य 5 प्रकार के कैंसरों में से एक है। फेफड़ों के कैंसर का उपचार 4 तरीकों से किया जाता है। सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरिपी एवं इम्यूनोथेरेपी। उन्होने लंग कैंसर के इलाज की प्रमुख समस्या के बारे में बताया कि 90 प्रतिशत रोगी लंग कैंसर की अंतिम अवस्था में चिकित्सकों के पास पहुचतें है, जिससे उनका इलाज संभव नहीं हो पाता है।
डा. सूर्यकान्त ने बताया कि 13 खाद्य पदार्थ जो आपके कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं, ब्राोकोली, गाजर, बीन्स, जामुन, दालचीनी, नट, जैतून का तेल, हल्दी, खट्टे फल, अलसी, टमाटर, लहसुन, मछली .जबकि 5 ऐसे खाद्य पदार्थ है. जो आपके कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं- मांस, तला हुआ खाना, रिफाइन्ड (परिष्कृत) उत्पाद, तम्बाकू, शराब और कार्बोनेटेड पेय, डिब्बाबंद और पैक्ड खाद्य पदार्थ।

 

 

डा. सूर्यकान्त ने बताया कि विभाग में नौ विशिष्ट क्लीनिक चल रही है। कैंसर की यह क्लीनिक रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में प्रत्येक वृहस्पतिवार को अपरान्ह एक बजे से तीन बजे के बीच चलायी जाती है। इस क्लीनिक में मरीज दिखाने के लिए पहले से आनलाइन पंजीकरण कराना होगा, पंजीकरण हेतु केजीएमयू की साइट पर उपलब्ध फोन नम्बर 0522-2258880 पर काल करके बुक कर सकते हैं। साथ ही रोगी कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट के साथ तय तिथि पर उपचार हेतु आ सकता है।
ज्ञात रहे कि रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग फेफड़ों के कैंसर का निदान व उपचार 1989 से कर रहा है और विशिष्ट लंग कैंसर क्लीनिक भी चल रही है। आज के कार्यक्रम में रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के सभी वरिष्ठ डा. संतोष कुमार, डा. अजय कुमार वर्मा, डा. आनन्द श्रीवास्तव, डा. डी के बजाज, डा. ज्योति बाजपेई व रेजिडेन्ट डाक्टर्स व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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