लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में अंतिम दौर के कैंसर मरीजों के दर्द को कम करने के लिए पैलेटिव केयर वार्ड को शुरू कर दिया गया है। यहां पर उन मरीजों का इलाज होगा, जब कैंसर की अंतिम अवस्था में दर्द में छटपटाता है आैर दवाएं काम नहीं करती हैं। ऐसे मरीजों के लिए केजीएमयू दस बेड का पैलेटिव केयर वार्ड शुरू किया गया है। इस वार्ड का शुभारम्भ केजीएमयू कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने किया।
कुलपति ने कहा कि इस वार्ड में इलाज के दौरान कैंसर मरीजों को काफी राहत मिलेगी, तो परिजनों का मानसिक पीड़ा भी कम होगी। केजीएमयू के पूर्व कुलपति व रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमएलबी भट्ट ने कहा कि कैंसर की अंतिम अवस्था में दवाएं काम करना बंद कर देती है। इस दौरान मरीज को तेज दर्द होता है। अन्य समस्या भी परेशान करने लगती है। ऐसे में मरीज की परेशानी देख परिजन भी मानसिक पीड़ित हो जाते हैं। ऐसे मरीजों को पैलेटिव केयर की जरूरत पड़ती है। रेडियोथेरेपी विभाग में दस बिस्तरों का पैलेटिव केयर वार्ड बनाया गया है। यहां पर दर्द को रोकने के लिए जिम्मेदार नस को ब्लॉक कर मरीज को राहत दी जाएगी। लिवर कैंसर से पीड़ितों को पीलिया जैसी समस्या बनी रहती है। ऐसे मरीजों को गैस्ट्रो विभाग के डॉक्टर के सहयोग से स्टंट डाला जा सकता है।
इसके अलावा इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी विभाग की मदद से दर्द के लिए जिम्मेदार अंग में दवा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पैलेटिव केयर में कई अलग- अलग विभागों का आपसी तालमेल आवश्यक है। अंत काल में मरीज की मानसिक स्थिति बदल जाती है। ऐसे मरीज व उनके तीमारदारों के प्रति डॉक्टर-कर्मचारियों का व्यवहार कुशल होना चाहिए।
डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि पूरे देश में मात्र केरल ही ऐसा राज्य है, जहां यह पद्धति सर्वाधिक विकसित है। प्रदेश में अभी इस पर नयी तकनीक के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। डीन मेडिसिन डॉ. उमा सिंह ने कहा कि केजीएमयू में कैंसर के गरीब मरीजों को असाध्य योजना में पंजीकृत किया जाता है, जिसमें मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है। कार्यक्रम में पीजीआई रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. नीरज रस्तोगी, लोहिया संस्थान की डॉ. रोहिणी खुराना, डॉ. सीमा गुप्ता, डॉ.अरुण चतुर्वेदी, डॉ. ऐके त्रिपाठी, डॉ. क्षितिज श्रीवास्तव, डॉ. राजेन्द्र कुमार उपस्थित थे।