लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग ने सीटी स्कैन मशीन इंस्टाल कराने पर लाखों रुपए खर्च कर दिए। वह इंस्टाल होने के बाद भी मशीन एक भी दिन नहीं चली, इंजीनियरों ने मशीन की जांच पड़ताल किया तो पता चला कि वह कंडम हो चुकी है, जबकि मशीन को इंस्टाल करने वाली कंपनी को स्वास्थ्य विभाग ने लाखों रुपए का अग्रिम भुगतान कर दिया। ऐसे में कंडम मशीन इंस्ट्राल कराने में लाखों रुपए बेकार कर दिए गए।
बलरामपुर अस्पताल में लगी पुरानी सीटी मशीन को उखाड़कर सिविल अस्पताल में लगाया जाना था। करीब चार महीने पहले मशीन को वहां से सिविल अस्पताल लाया गया था आैर इंस्टाल कराया गया। इंस्टाल होने बाद भी मशीन एक भी दिन नहीं चली। फिर इंजीनियरों की टीम ने जांच की तो पता चला कि मशीन कंडम हो चुकी है। जांच में पता चला कि मशीन काफी पुरानी होने की वजह से पार्ट्स भी मिलना मुश्किल था।
ऐसे मंे मशीन को कंडम घोषित कर दिया गया। वहीं मशीन को इंस्टाल कराने वाली कंपनी को करीब साढ़े तीन लाख रुपए भुगतान कर दिए गए। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. पद्यमाकर सिंह का कहना है कि सिविल अस्पताल में लगी मशीन बेकार हो गई है। ऐसे में वहां पर नई मशीन इंस्ट्राल कराई जाएगी। उनका कहना है कि कंडम मशीन इंस्ट्राल कराने के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जाने की जानकारी नहीं है। कहा मामले को दिखवाया जाएगा।
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