केंद्र ने चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए राज्यों को विभिन्न उपाय सुझाए
न्यूज । केंद्र ने कार्यस्थलों पर डाक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बुधवार को राज्यों को विभिन्न कदम उठाने को कहा है, जिनमें अस्पताल परिसरों में रात में गश्त, जिला अस्पतालों की सुरक्षा समीक्षा आैर महत्वपूर्ण स्थानों तक लोगों की पहुंच को विनियमित करना शामिल है।
कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के बलात्कार-हत्या मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेशों के बाद केंद्र ने यह कदम उठाया है। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले दिनों हुई इस घटना के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। उनकी मांगों में, पीड़िता को न्याय आैर कार्यस्थलों पर स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून बनाने की मांग शामिल हैं।
आरजी कर अस्पताल में हुई घटना से जुड़े मामले की उच्चतम न्यायालय द्वारा सुनवाई किए जाने के कुछ दिन बाद केंद्र ने यह निर्देश दिया है।
न्यायालय ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को आदेश दिया था कि जब तक अदालत द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) ‘प्रोटोकॉल” तैयार नहीं कर ले, वह सुनिश्चित करें कि राज्यों में कार्यस्थलों पर सुरक्षा को लेकर डॉक्टरों की चिंता को दूर करने के लिए बुनियादी उपाय हों।
कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एनटीएफ की मंगलवार को पहली बैठक हुई।
बुधवार को केंद्रीय गृह आैर स्वास्थ्य मंत्रालयों के सचिवों की सह-अध्यक्षता में एक ऑनलाइन बैठक हुई, जिसमें मुख्य सचिवों आैर पुलिस महानिदेशकों की उपस्थिति में, केंद्र सरकार के अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा के लिए 26 राज्यों आैर केंद्र शासित प्रदेशों में पहले से ही राज्य कानून लागू हैं।
एक बयान के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा आैर केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने अन्य से भी ऐसा कानून बनाने का आग्रह किया।
चंद्रा ने 23 अगस्त को राज्यों के मुख्य सचिवों आैर पुलिस महानिदेशकों को लिखे एक पत्र में कहा कि कोलकाता की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने 20 आैर 22 अगस्त को आदेश दिए।
न्यायालय ने 22 अगस्त के अपने आदेश में, अन्य बातों के साथ ही यह निर्देश दिया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राज्य के मुख्य सचिवों आैर पुलिस महानिदेशकों के साथ मिलकर काम करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य सरकारें/केंद्र शासित प्रदेश एनटीएफ की रिपोर्ट प्राप्त होने तक कुछ बुनियादी न्यूनतम आवश्यकताओं को लागू करें जिससे कार्यस्थल पर चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर उनकी चिंताओं को दूर किया जा सके।
ऑनलाइन बैठक में राज्य के अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए मोहन ने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, हेल्पलाइन नंबर 112 को स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एकीकृत किया जाए आैर बड़े अस्पतालों तक पहुंच को विनियमित किया जाए।
बयान में कहा गया है कि चंद्रा ने राज्यों को नए विचार पेश करने के लिए प्रोत्साहित किया आैर कुछ तत्काल उपायों पर जोर दिया।