कोरोना की गाइडलाइंस का पालन कर तोड़ना होगा चेन

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वेबिनार अटल बिहारी बाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय
लखनऊ। कोविड-19 वायरस स्ट्रेन-2 से बचाव के लिए प्रदेश सरकार ने कई चरणों में काम कर रही है। गाइड लाइन की तारीख के अनुसार ब्रिाटेन से वापस आने वालों की कोरोना जांच हो रही है। प्रोटोकाल का पालन करते हुए यात्रियों के दो सैम्पल लिए जा रहे हैं। पहले सैम्पल आरटीपीसीआर जांच की जाएगी। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर दूसरे सैम्पल की जांच कराई जाएगी। इस सैम्पल को -80 डिग्री सेल्सियस पर रखने को कहा गया है। यह जानकारी अटल बिहारी वापजेपई चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एके सिंह ने आयोजित बि वेबिनार में दी।
शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिवस पर आयोजित वेबिनार को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. एके सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अभी गाइडलाइन का पालना आवश्यक है। इसके तहत मास्क और फिजिकल डिस्टैंसिंग का पालन कर संक्रमण के खतरों से खुद को व परिवार को बचाया जा सकता हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने लखनऊ को विकास की नयी दिशा दी।
दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप सिंह गुलेरिया ने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए देश में किये गये प्रयास सफल साबित हो रहे है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के दूसरे स्ट्रेन को लेकर बहुत घबराने की आवश्यकता नही है। गाइड लाइन का पालन करते हुए संक्रमण को ब्रोक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संक्रमण की जांच के लिए संसाधन कम थे। सरकार की मदद से अस्पताल अपग्रेड हो चुके हैं आैर जांच की सुविधा उच्चस्तरीय हो चुकी है, लेकिन सिर्फ संक्रमण के प्रति जागरुकता से वायरस को हराने में मदद मिल रही है।
केजीएमयू कुलपति ले. ज. डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी ने देश को आगे बढ़ाने में अहम कदम उठाए। विश्व समुदाय में भारत को नई पहचान दिलाने में कामयाबी हासिल की। डा. पुरी ने कहा कि केजीएमयू ने अब तक नौ लाख से ज्यादा लोगों की कोरोना संक्रमण की जांच की जा चुकी है। उनके यहां कोविड मरीजों के इलाज के लिए 500 बिस्तर है आैर गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू में उच्चस्तरीय संसाधन लगे है। कार्यक्रम में ऋ षिकेश एम्स के निदेशक डॉ. रविकांत ने आर्ट एंड साइंस ऑफ मेडिसिन विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि वर्तमान में क्लीनिकल व तकनीकी क्षेत्र में एक साथ शोध करना होगा।

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