लखनऊ। मनमाने तरीके से किए गए तबादलों के विरोध में बृहस्पतिवार को आंदोलन के तीसरे दिन पूरे प्रदेश में यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन का धरना के साथ प्रदर्शन जारी रहा। इस धरने प्रदर्शन से पूरी तरह से कामकाज ठप रहा, जिसके कारण मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय, जिला चिकित्सालय के कार्यालयों में कोई भी कार्य नहीं हुआ। कार्यालय न खुलने के कारण चिकित्सा प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य प्रमाण पत्र, मेंडिकोलीगल प्रमाण पत्र बनाने वाले लोग भटकते रहे।स्वास्थ्य विभाग में मिनिस्ट्रियल संवर्ग के साथ ट्रांसफर में बहुत ही अन्याय पूर्ण कार्य किया गया महिलाओं को हजारों किलोमीटर दूर पर तैनाती की गई तथा नीति में मिलने वाले लाभ दिव्यांग, दंपत्ति , कम सेवा अवधि आदि को भी वंचित रखा गया। ट्रांसफर के नाम पर बड़े पैमाने पर शोषण मिनिस्ट्रियल संवर्ग के साथ किया गया। शासन को कर्मचारियों की मांगों को संज्ञान में लेते हुए अविलंब इस समस्या का निदान करना चाहिए। स्थानांतरण के नाम पर शोषण स्वीकार नहीं है, स्थानांतरण में कोई भी मानकों को ध्यान पर नहीं रखा गया और मनचाहे तरीके से शोषण करने के उद्देश्य से दूरस्थ स्थानों पर तैनाती प्रदान की गई जब तक स्थानांतरण सूची निरस्त नहीं की जाती है हम आंदोलन से पीछे हटने वाले नहीं है।
यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव व मंत्री रजनीश शुक्ला ने संयुक्त रूप से बताया कर्मचारियों के तबादले मनमाने तरीके से कर दिये गये है। कोरोना संक्रमण काल में सभी ने अपनी और अपने परिवार की परवाह न करते हुए अपनी-अपनी ड्यूटी पर डटे रहे उसका इनाम यह मिल रहा है कि महिला हो या पुरुष कर्मचारी उसे हजारों किलोमीटर दूर कोरोना काल में भेजा जा रहा है। जबकि ना तो अभी तक संक्रमण की दूसरी लहर समाप्त नहीं हुई है और तीसरी लहर की तैयारी शुरू हो गई है ऐसे हैं कर्मचारियों का परिवार और वह खुद कितना सुरक्षित वह कर कार्य कर सकेगा।