लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित विभागों तथा छात्रावासों की छत पर रखा बेकार सामान व मलबे में भर रहा पानी भी मरीजों की जान को खतरा है। यह मलबा बारिश में मच्छरों के पनपने और संक्रामक बीमारियों के फैलने की कारण बन सकता है। इससे वार्ड में भर्ती मरीज के साथ ही छात्रावासों में रहने वाले मेडिकोज भी चपेट में आ सकते है। इसका निर्माण विभाग (सिविल सेक्शन) ने भवनों की जांच पड़ताल में यह खुलासा हुआ है। इसके साथ ही विभाग ने केजीएमयू के जिम्मेदार अधिकारियों व विभाग प्रमुख को पत्र भेजकर सफाई कराने के लिए कहा है।
बताते चले कि केजीएमयू में कुल 85 विभाग हैं। परिसर में इन विभागों के संचालन के लिए अलग -अलग 49 भवन बने हैं, जबकि ट्रामा सेंटर, शताब्दी फेज वन व टू में बहुमंजिला भवन है। इन भवनों की छत पर बड़ी मात्रा में बेकार सामान व मलबा रखा हुआ है। यह मलबा तोड़फोड़ के अवशेष के साथ ही टूटे बेड, मेडिकल उपकरण आदि से मलबा हैँ। स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षण में केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग, लारी कार्डियोलॉजी, क्वीनमेरी, ट्रामा सेंटर, बालरोग विभाग में गंदगी मिली थी। तीन स्थानों पर मच्छर के लार्वा भी पाए गए थे। इसके बाद निर्माण विभाग के अधिकारियों ने सभी भवनों के छतों व अन्य स्थानों का निरीक्षण किया।
इस दौरान भवन की छत पर बेकार सामान व मलबा पाया गया। अधिशासी अभियंता दिनेश कुमार राय ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र भेजा है। उसमें बताया कि निरीक्षण के दौरान विभागों की छतों पर बड़ी मात्रा में मलबा मिला है। कई विभागों में अंदर भी मलबे पाए गए हैं। बारिश के दिन में यह मलबा मच्छर पनपने की वजह बनेंगे। ऐसे में इनकी ज ल्द से जल्द सफाई कराई जाए।
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