प्रधानमंत्री मोदी के सपनो को साकार करते हुए न्यू इंडिया के निर्माण में छत्तीसगढ़ के किसानो ने छत्तीसगढ़ को हार्टिकल्चर लीडरशीप अवार्ड दिलाकर यह साबित कर दिया है कि अब छत्तीसगढ़ हॉर्टिकल्चर खेती के लिए भी एक ब्रांड है धान और दलहन के अलावा. छत्तीसगढ़ लगातार चार बार से केंद्र द्वारा कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित होता रहा है और हाल में ही लक्ष्य भागीरथी योजना को जो कृषि – सिचाई मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के नेतृत्व में चलाई जा रही है की तारीफ़ प्रधानमंत्री मोदी ने की थी और प्रदेश के मुखिया डॉ रमन सिंह की पीठ भी थपथपाई थी.
किसानो को बोनस दीपावली से पहले देने की घोषणा तो राज्य सकरार ने पहले ही कर दी है जिससे सीधे तौर पर राज्य के तेरह लाख किसान लाभान्वित होगे और निश्चित तौर पर यह किसानो को छत्तीसगढ़ खेती को एक ब्रांड बनाने के लिए प्रेरित करेगी. कृषि मंत्रालय के द्वारा किसानों के हित में बेहतर योजनाओं और कृषि सिचाई मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की अगुवाई में योजनाओ के समयबद्ध क्रियांवयन के साथ काम कर रहे उद्यानिकी विभाग की सराहना के साथ छत्तीसगढ़ राज्य को बेस्ट हॉर्टिकल्चर स्टेट के लिए हार्टिकल्चर लीडरशिप अवार्ड प्राप्त हुआ है।यह अवार्ड नई दिल्ली के होटल ताज के दरबार हॉल में आयोजित समारोह में हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी द्वारा प्रदान किया गया।
छत्तीसगढ़ के कृषि एवं सिंचाई मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने यह अवार्ड ग्रहण किया। अवार्ड प्राप्त करने के बाद अपने संक्षिप्त संबोधन में प्रदेश के कृषि एवं सिंचाई मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह अवार्ड छत्तीसगढ़ के उन सभी मेहनत करने वाले किसानों को समर्पित है जो बदलाव के पक्षधर है और समय के साथ चलने की कोशिश कर रहे हैं। यह अवार्ड उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा का काम करेगी जो लोग खेती किसानी के कामों में प्रयोगों से घबराते नही हैं और हिम्मत के साथ आगे बढ़ते हुए सफलता अर्जित करते है।
बृजमोहन ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के किसानों को जो नई दिशा दिखाई है। उस दिशा पर छत्तीसगढ़ के किसानों को ले जाने का सफल प्रयास हम कर रहे हैं। परंपरागत चावल उत्पादन के साथ ही हमारे किसान अब फल-फूल और सब्जियों की खेती कर रहे हैं। ऐसे में निश्चित रुप से हमारे राज्य के किसानों का आने वाला कल खुशहाल होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की मंशानुसार हम 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने में सफल होंगे।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कृषि विकास हेतु नवीन नीतियां एवं कार्यक्रम तैयार किए हैं। जिससे ना केवल कृषि बल्कि उद्यानिकी फसलों के उत्पादन को भी बढ़ावा मिल रहा है। वर्ष 2004-5 में उद्यानिकी फसलों का रकबा 2.01 लाख हेक्टेयर था जो 2016-17 में बढ़कर 8.3 लाख हैक्टेयर हो गया है। यानी इन वर्षों के भीतर हमारे कृषि क्षेत्र विकास दर 312.19 प्रतिशत रही। इसी प्रकार 2004 -05 में उद्यानिकी फसलों का उत्पादन 17.56 लाख मीट्रिक टन था जो आज बढ़कर 98.33लाख मीट्रिक टन हो गया है।
राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ उद्यानिकी क्षेत्रफल में 13 वे और उत्पादन में 12वे स्थान पर है।राज्य में संचालित योजनाओं के संबंध में अपनी बात रखते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि बीज उत्पादक किसानों को सब्जी व् मसाला के उच्च गुणवत्ता वाले बीज उत्पादन हेतु हम प्रोत्साहित करते हैं। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत प्रति हेक्टेयर 12250 रुपये की सब्सिडी ऐसे किसानों को प्रदान की जाती है। इसके साथ ही बीज उत्पादन के लिए किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले रोपण सामग्री उपलब्ध कराने के लिए सरकारी नर्सरी का उन्नयन भी किया गया है।
उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए सबसे महत्व पर्याप्त सिंचाई की होती है । सिंचाई के लिए हमने अनेकों कृषक हितैषी योजनाएं बनाई है। शाकंभरी,किसान समृद्धि आदि योजनाओं के तहत बोर खनन पर सिंचाई पंप पर सब्सिडी हम प्रदान कर रहे हैं । फल स्वरुप 143808 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र जोड़ा गया है। विशेष रूप से पिछले 2 वर्षों के दौरान राज्य में कुल 18498 अतिरिक्त सिंचाई क्षेत्र को जोड़ा गया है। यहा 8015 शैल ट्यूबवेलों और 650 से बांध का निर्माण किया गया है।
सिंचाई विकसित करने के लिए सामान्य क्षेत्रों में 20 लाख रुपए की लागत पर सामुदायिक टैंक निर्माण में 100% सब्सिडी प्रधान है जो पहाड़ी क्षेत्रों में 25 लाख रुपये है। व्यक्तिगत तालाब निर्माण पर भी 50% सब्सिडी का प्रावधान रखा गया है.
बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि….
- ड्रिप इरीगेशन और इस्प्रिंकलर के उपयोग के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। हमारी योजनाओं के तहत छोटे और सीमांत किसानों को यूनिट लागत पर 70% सब्सिडी का प्रावधान है । जबकि अन्य किसानों को 50% सब्सिडी दी गई है।
- इस योजना के अंतर्गत विभाग ने 27861 हेक्टेयर क्षेत्र को ड्रिप इरीगेशन प्रणाली के तहत कवर कर लिया है। जबकि 52754 हेक्टेयर क्षेत्र को स्प्रिंकलर योजना के तहत कवर किया है। जिसमें 60343 किसान लाभांवित हुए हैं।
उद्यानिकी क्षेत्र में जैविक खेती को भी बढ़ावा देने के हम पक्षधर हैं । 22556 हेक्टेयर क्षेत्र मैं आज जैविक खेती हो रही है। - संरक्षित खेती किस दिशा में हम काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं नेशनल हॉर्टिकल्चर मिशन के तहत 273854 वर्ग मीटर ग्रीन हाउस और 31,68,110 वर्ग मीटर के नेट सेट हाउस स्थापित किए गए हैं।
- हम उद्यानिकी फसलों के प्रबंधन के लिए निर्माण होने वाले कोल्ड स्टोरेज पर अच्छी-खासी सब्सिडी भी प्रदान कर रहे हैं । विपणन और अधोसंरचना की स्थापना की दृष्टि से 35 ग्रामीण बाजार 38 रिटेल मार्केट स्थापित किए गए हैं।
- किसानों के प्रशिक्षण कार्य नियमित रूप से चलाए जा रहे हैं । वर्ष 2016 17 तक 123268 किसानों को उद्यानिकी के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया जा चुका है जबकि 24746 किसानों को एक्स्पोज़र विजिट के लिए चुना गया है।
- वर्तमान में से उद्यानिकी कॉलेज राज्य में चलाए जा रहे हैं। राज्य की मैनपाट में आलू और उद्यानिकी अनुसंधान केंद्र स्थापित किए गए हैं। इसके साथ ही रायपुर की इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में टीसू कल्चर लेब भी स्थापित है।
- बड़ी प्लग टाइप वेजिटेबल सीडलिंग प्लांट रायपुर बिलासपुर,राजनांदगांव और सरगुजा में 6 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित की गई है ।जिनकी क्षमता 1.5 करोड़ पौध उत्पादन प्रति वर्ष है। इसके अलावा 19 छोटी प्लग टाइप वेजिटेबल सीडलिंग प्लांट 18 ज़िलों में स्थापित है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि, कृषक आत्मनिर्भर बने इसके लिए यह ज़रूरी हे कि वे सब्जीपालन, पशुपालन सहित अन्य कृषि कार्यों से भी जुड़े। भारतीय कृषि और खाद्य परिषद द्वारा आयोजित इस 10 वे ग्लोबल एग्रीकल्चर लीडरशिप समिट में नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद्र और छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त मुख्य सचिव अजय सिंह एवं संचालक उद्यानिकी एन.के पांडे भी उपस्थित थे।
राज्य बना देश का बेस्ट हार्टिकल्चर स्टेट –
हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी के हाथों कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने ग्रहण किया सम्मान
कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने दी प्रदेश के किसानों को बधाई, कहा यह अवार्ड किसानों के अथक परिश्रम का परिणाम
कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के विभागीय नेतृत्व में लगातार चार बार केंद्र से मिल चुका है कृषि कर्मण पुरस्कार.
“छत्तीसगढ़ के किसान धान के साथ साथ अब फूल और सब्जियों के पैदावार में भी आगे बढ़ रहे है और किसानो के द्वारा नयी खेती के प्रयोग और उसके अच्छे परिणाम हमारे राज्य को खेती के लिए एक ब्रांड बनाने में मददगार होगे. हमारे माननीय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी की सोच को आगे बढाते हुए हमारा लक्ष्य छत्तीसगढ़ के किसानो की लागत से दुगुना फायदा उनको देने का है . हम चार बार से केंद्र सरकार द्वारा कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित हो रहे है यह मेरे राज्य के किसानो द्वारा राज्य के प्रति और कृषि मंत्रालय की नीतियों के प्रति एक आत्म विश्वास है और हमारे मुख्यमंत्री का और सरकार का प्रयास किसानो के हित को सर्वोपरि रखना है . छत्तीसगढ़ ब्रांड के रूप में किसान को देखना चाहता है .”
-बृजमोहन अग्रवाल