बजट: चिकित्सा शिक्षा व इलाज पर भी विशेष ध्यान

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लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार ने शुक्रवार को कृषि, ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास, रोजगार एवं आजीविका पर विशेष जोर देते हुये राज्य का 2018- 19 के लिये कुल 4, 28, 384. 52 करोड रुपये के व्यय का बजट पेश किया। पिछले वित्त वर्ष के बजट के सापेक्ष यह राशि 11.4 प्रतिशत अधिक है। ग्रामीण क्षेत्रों में 100 नये आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। एसजीपीजीआई में रोबोटिक सर्जरी को प्रारम्भ किया जाना प्रस्तावित है जब कि केजीएमयू में आर्गन ट्रान्सप्लान्ट यूनिट स्थापित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल की ओर से पेश बजट में 14, 341. 89 करोड- रुपये की नई योजनायें शामिल की गयी हैं।

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अग्रवाल ने श्रीराम आैर श्रीकृष्ण को प्रणाम करने के साथ अपने बजट भाषा की शुरुआत की। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर आरोप लगाते हुये कहा कि पिछली सरकारों ने व्यर्थ कार्यों में खर्च करके खजाना लगभग खाली कर दिया आैर सूबे को विषम वित्तीय स्थिति की तरफ धकेल दिया था। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पबद्ध है। बजट दस्तावेज के मुताबिक वर्ष 2018-19 में खाद्यान्न उत्पादन लक्ष्य 581 लाख 60 हजार टन तथा तिलहन उत्पादन लक्ष्य 11 लाख 28 हजार मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है।

किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने हेतु सब्सिडी योजना के तहत 200 करोड- रुपये की व्यवस्था की गई है तो उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण की योजना हेतु 100 करोड- रुपये का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य तथा रोग नियंत्रण कार्यवम हेतु 100 करोड- रुपये की व्यवस्था बजट में है। वर्ष 2018- 19 के दौरान रबी खरीद सत्र में 50 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य तय किया गया है।

अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजर्ना ग्रामीणी हेतु वर्ष 2018-19 के बजट में 11 हजार 500 करोड- रुपये आैर शहरी क्षेत्र के लिए 2217 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है। स्मार्ट सिटी मिशन के लिए 1650 करोड रूपये की व्यवस्था की गई है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीणी योजना के लिये वर्ष 2018-19 में 5, 000 करोड- रुपये आैर शहरी क्षेत्र के लिए 1100 करोड रूपये का प्रावधान है। आैद्योगिक निवेश नीति-2012 के लिये 600 करोड- रुपये तथा नई आैद्योगिक नीति हेतु 500 करोड- रुपये की बजट व्यवस्था की गयी है।

बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के प्रारम्भिक कार्य हेतु वर्ष 2018-19 के बजट में 650 करोड- रुपये की व्यवस्था है जबकि गोरखपुर ंिलक एक्सप्रेस-वे परियोजना के प्रारम्भिक कार्यों हेतु बजट में 550 करोड- रुपये की व्यवस्था की गयी है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु एक हजार करोड- रुपये तथा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु 500 करोड- रुपये का प्रावधान किया गया है।

एक जनपद एक उत्पाद योजना पर अमल के लिये 250 करोड- रुपये तथा मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना हेतु 100 करोड- रुपये की व्यवस्था की गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में 100 नये आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। एसजीपीजीआई में रोबोटिक सर्जरी को प्रारम्भ किया जाना प्रस्तावित है जब कि केजीएमयू में आर्गन ट्रान्सप्लान्ट यूनिट स्थापित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

प्रदेश में सड-कों के निर्माण कार्यों हेतु 11 हजार 343 करोड- रुपये का बजट प्रावधान किया गया है जबकि विशेष क्षेत्र कार्यवम के अन्तर्गत पूर्वांचल की विशेष परियोजनाओं के लिये 300 करोड- रुपये तथा बुन्देलखण्ड की विशेष योजनाओं के लिये 200 करोड- रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

ऊर्जा क्षेत्र की योजनाओं हेतु वर्ष 2018-2019 में 29 हजार 883 करोड- रुपये प्रस्तावित हैं। ”सौर ऊर्जा नीति-2017″” में निजी सहभागिता से 2022 तक कुल 10 हजार 700 मेगावाट क्षमता की सौर विद्युत परियोजनायें स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 500 करोड- रुपये का प्रस्ताव किया गया है।

लखनऊ सहित प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के नए कार्यों हेतु 300 करोड- रुपये का प्रावधान है। कुम्भ मेला 2019 हेतु बजट में एक हजार 500 करोड- रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। सामान्य वर्ग एवं अनुसूचित जातियों के कल्याण एवं विकास की योजनाओं के लिए लगभग सात हजार 858 करोड- रुपये प्रस्तावित हैं। प्रदेश में अल्पसंख्यकों के विकास एवं कल्याण की योजनाओं के लिए दो हजार 757 करोड- रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।


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