दिल्ली-एनसीआर सहित प्रदेश में डेंगू और चिकनगुनिया आदि मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। इससे पीड़ितों की संख्या भी बढ़ने के अलावा मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। इसके खतरनाक प्रकोप व होने वाली मौतों को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि चिकनगुनिया में मौत का कारण वायरस के स्ट्रेन में बदलाव होने की संभावना है।
वायरस के म्यूटेशन पर जांच व शोध शुरु कर दिया है –
डेंगू और चिकनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारी मच्छरों के काटने के बाद उसके वायरस के कारण फैल रही है। अब नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ने दिल्ली में वायरस के म्यूटेशन पर जांच व शोध शुरु कर दिया है। नेशनल वेक्टर बोर्न डिसीज कंट्रोल के विशेषज्ञों का मानना है कि
चिकनगुनिया के बदलते स्वरुप को देखते हुए यह सम्भावना है कि जरूर इस वायरस के स्ट्रेन में बदलाव हुआ है तभी मौतें हो रही है। इसलिए इसकी गंभीरता से लेते हुए इस वायरस पर अध्ययन किया जा रहा है।
चिकनगुनिया के चेकअप की होड़ में दूसरी बीमारी छूट ना जाए –
डॉक्टर धीरवाल ने बातचीत पर आगे बताया कि अब तक जितने भी मरीजों की मौत हुई हैं उनमें से ज्यादा लोगों को चिकनगुनिया के अलावा दूसरी बीमारी भी थी। उनका कहना है कि जितने लोगों को सिर्फ चिकनगुनिया की बीमारी थी वे मरीज इलाज के बाद ठीक होते नजर आ रहे हैं। इसके अलावा उन्होने सभी डॉक्टरों को सावधानी से इलाज करने के लिए कहा है जिससे चिकनगुनिया के चेकअप की होड़ में दूसरी बीमारी छूट ना जाए। राजधानी में केजी एमयू के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ प्रो. कौसर उस्मान ने बताया कि चिकनगुनिया की काफी मामलो में आइजीएम टेस्ट मे चिकनगुनिया वायरस का पता नहीं चला था। उनका मानना है कि पीसाआर जांच में इस इस वायरस का पता चल सकता है। उनका कहना है कि यह टेस्ट मंहगा होने के कारण ज्यादातर लोग कतराते है।