मोटापा – बच्चों में मोटापे का हद से अधिक बढ़ जाना हर तरह से तकलीफ की ओर बढ़ना ही है। बचपन में जो बच्चे बढ़े हुए वजन की वजह से हमें क्यूट और रोली-पोली लगते हैं वही आगे जाकर बढ़ते वजन की वजह से कई शारीरिक तकलीफों से घिर जाते हैं। इस मामले में जन्म के बाद बच्चे की डाइट और फिजिकल एक्सरसाइज का ध्यान तो रखना जरूरी है लेकिन कई मामलों में बच्चे को अन्य परेशानियों की वजह से सही इलाज और दवाइयों की भी आवश्यकता होती है।
राममनोहर लोहिया इंस्टिट्यूट के गैस्ट्रोसर्जन डॉ अंशुमान कहते हैं कि ऐसे मामलों में देर करना या इन्हें नजरअंदाज करना गंभीर मुसीबत खड़ी कर सकता है। जेनेटिकल समस्याओं के अलावा हार्मोन्स का असंतुलन या किसी अन्य बीमारी की वजह से अक्सर बच्चों में जन्म से कुछ समय बाद अचानक तेजी से वजन बढ़ने की समस्या पैदा हो सकती है। ऐसे मामलों में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेकर इलाज शुरू करना जरूरी होता है।
ये हो सकते हैं कारण
- बच्चों में कम उम्र से ही बहुत वजन बढ़ने के पीछे लाइफस्टाइल में असंतुलन के अलावा अन्य कारण ये हो सकते हैं जैसे..
- हार्मोनल डिसॉर्डर
- किसी विशेष केमिकल के सम्पर्क में रहने से
- किसी विशेष दवाई के कारण
- मेटाबोलिक असंतुलन
- साइकोलॉजिकल फैक्टर्स, आदि
परेशानी तब बढ़ती है
डॉ अंशुमान बताते है कि अक्सर बच्चों में कम उम्र में वजन के तेजी से बढ़ने के कारण केवल शरीर के आकार में ही परिवर्तन नहीं आता बल्कि समय पर ध्यान न दिए जाने पर बढ़ता वजन कई अन्य मुसीबतें खड़ी कर सकता है। जैसे-
- टाइप-2 डायबिटीज
- मेटाबोलिक सिड्रोम
- हाई कोलेस्ट्रॉल और
- हाई ब्लड प्रेशर
- अस्थमा
- अनिद्रा
- थायरॉइड
- हृदय रोग
- पीसीओडी
- ब्रेन ट्यूमर
- नॉनल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिसीज
- अर्ली प्यूबर्टी या मेंसट्रुएशन
- साइकोलॉजिकल समस्याएं, आदि