लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों के साथ जटिल सर्जरी करके 8 वर्षीय बच्चे को नई जिंदगी दे दी। बच्चे के चेहरे पर खपरैल का टुकड़ा गिरा ,जोकि बाई आंख तथा और नाक को पार करता हुआ मस्तिष्क तक पहुंच गया। 6 अगस्त को जौनपुर में हुई इस घटना में 8 वर्षीय बच्चे को स्थानीय डॉक्टरों ने बिना खपरैल निकाले केजीएमयू रेफर कर दिया।
केजीएमयू के ट्रामा सेंटर जब बच्चे को लेकर परिजन पहुंचे तो उसकी हालत तेजी से बिगड़ रही थी। वैसे तो कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत बच्चे की जांच हो जानी चाहिए थी, लेकिन जिंदगी और मौत को देखते हुए डॉक्टरों ने तत्काल सर्जरी करने का निर्णय लिया। प्लास्टिक सर्जरी के विशेषज्ञ डॉक्टर दिव्य नारायण ने न्यूरो सर्जरी के डॉ क्षितिज श्रीवास्तव, रेजिडेंट डॉक्टर नवनीत तथा नेत्र रोग विभाग डॉ अपजीत कौर के साथ सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर शैलजा के साथ सर्जरी शुरू कर दी। सर्जरी टीम में एनेस्थीसिया के डॉक्टर सतीश वर्मा शामिल थे। डॉ दिव्य नारायण ने टीम के साथ खपरैल के टुकड़े को निकालते हुए मस्तिष्क के भाग को डैमेज होने से बचाया। सर्जरी में तमाम कोशिशों के बाद भी खपरैल का टुकड़ा घुसने के कारण बाई आंख डैमेज हो गई जबकि दाई आंख व नाक को सफलतापूर्वक बचा लिया गया। उन्होंने बताया इस जटिल सर्जरी के बाद बच्चा पूरी तरह से ठीक है, भविष्य में प्लास्टिक सर्जरी के माध्यम से चेहरे को और ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया खपरैल का नुकीला टुकड़ा 10 फीट ऊंचाई से उसके ऊपर गिरा था।