लखनऊ। हजरतगंज स्थित डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल ( सिविल ) में आग से बचाव के लिए कोई सही व्यवस्था नहीं है। बीते तीन सालों से अग्निशमन विभाग की तरफ से एनओसी भी नहीं दी गई है। सोमवार को अग्निशमन विभाग की टीम सिविल अस्पताल पहुंची, तब इस बात का खुलासा हुआ।
सरकारी अस्पताल होने के बाद भी सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही है। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि सभी जगह पर अग्निशमन यंत्र लगाये गये हैं।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जो कमी है वह सरकारी एजेंसी की तरफ से है। इस अस्पताल में 350 से अधिक बेड हैं,जहां मरीज भर्ती रहते हैं। दावों के बाद भी अगर देखा जाए तो इतने बड़े अस्पताल में कहीं पर भी फायर एलार्म तक नहीं लगाया गया है। बहुत से कार्य ऐसे हैं जो अभी अधुरे पड़े हैं। इसके पीछे सरकारी एजेंसी की लापरवाही बता कर जिम्मेदार अधिकारी अपना बचाव कर रहे है।
आग से सुरक्षा के नाम पर जगह-जगह अग्निशमन यंत्र लगाये गये हैं। जिनकी संख्या 45 के करीब है। इन्ही इंतजामों की जानकारी करने सोमवार को एफएसओ के अगुवाई में अग्निशमन विभाग की टीम सिविल अस्पताल पहुंची,लेकिन थोड़ी देर तक अस्पताल में रहने के बाद टीम लौट गई। निरीक्षण के दौरान टीम ने सिविल अस्पताल में अग्निशमन यंत्रों को जांचने के बाद अन्य उपकरणों को भी देखा। निदेशक,सिविल अस्पताल डॉ.आनन्द ओझा का कहना है कि फायर की एनओसी देने का काम अग्निशमन विभाग का है। अस्पताल की तरफ से इसके लिए पहले कई बार पत्राचार किया जा चुका है। सरकारी एजेंसी सीएलडीएफ को 2019 में ही पूरा भुगतान किया जा चुका है। एजेंसी ने किसी अन्य फर्म को काम दे दिया है। कार्य न पूरा होने के कारण कई बार पत्राचार किया गया,लेकिन अभी तक काम हो नहीं सका है।