10 में से तीन व्यक्ति थायराइड की चपेट में : डा. आनंद मिश्र
लखनऊ। 40 साल की उम्र के बाद अचानक कब्ज की समस्या बढ़ जाए तो थायराइड की जांच करानी चाहिए। इसके अलावा थायराइड के शुरुआती लक्षण में ग्रंथि बढ़ने से गर्दन में उभार होने की संभावना होती है। इससे गर्दन में दर्द महसूस होने के साथ ही हार्ट बीट भी तेज हो सकती है। मरीज को अक्सर घबराहट होती है। वजन कम हो जाता है। भूख बढ़ना, हाथ कांपन आदि हो सकता है। यह जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के वरिष्ठ डॉ. कुल रंजन ने दूसरे दिन कार्यशाला में दी। केजीएमयू इंडोक्राइन सर्जरी विभाग कार्यशाला का आयोजन कर रहा है।
डा. कुलरंजन ने कहा कि अनियमित मासिक धर्म, जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द , चेहरे पर पीलापन या शुष्क त्वचा, अवसाद भी थायराइड के कारण हो सकते है। कार्यशाला में आस्ट्रेलिया के इंडोक्राइन सर्जन डॉ. जेम्स ली ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से एंडोक्राइन सर्जरी काफी आसान हो गयी है। इसमें नवीन तकनीक काफी मददगार साबित हो रही है। थायराइड के सर्जरी में न ही मरीज के गले में कोई निशान पड़ता है।
इंडोक्राइन विभाग के प्रमुख डा. आनंद मिश्र ने कहा कि थायराइड संबंधी बीमारी तेजी से बढ़ रही है। हर 10 में से तीन व्यक्ति थायराइड की चपेट में है। पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक इस बीमारी की चपेट में आती हैं। कुछ लोगों में हार्मोन में गड़बड़ी से थायराइड संबंधी बीमारी पनपती है। अत्याधिक ग्रंथि बढ़ने की स्थिति को घेंघा कहा जाता है। जागरुकता से घेंघा की समस्या काफी कमी आयी है।
उन्होंने कहा कि थायराइड ग्रंथि का रोबोटिक सर्जरी बेहतर विकल्प है। अभी गर्दन पर एक लंबा चीरा लगाया जाता है। निशान के डर से महिलाएं ऑपरेशन कराने में कतराती हैं। ऐसे में इंडोस्कोप से ऑपरेशन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किस मरीज को किस विधि से सर्जरी किया जाए, यह उसकी पूरी स्क्रीनिंग पर निर्भर करता है।