लखनऊ। गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को कोरोना संक्रमण हो जाने के बाद बचने की उम्मीद कम हो जाती है लेकिन कुछ ऐसे मरीज भी हैं जो अपनी जटिल बीमारियों के साथ जूझते हुए कोरोना को मात दे देते हैं । कुछ ऐसा ही किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में फेफड़े की टीबी से जूझ रही 48 वर्षीय महिला ने कोरोना संक्रमण को मात दे दिया । महिला को इस जटिल बीमारी के साथ जब कोरोना हो गया तो उसे बचने की उम्मीद भी समाप्त हो गयी। गंभीर हालत में केजीएमयू में भर्ती कराया गया। महिला मरीज 15 दिनों तक वेंटीलेटर जिंदगी के लिए संघर्ष करने के बाद डॉक्टरों के अथक प्रयासों से महिला की हालत में काफी सुधार हुआ। उसे वेंटीलेटर से हटाकर आईसीयू के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया।
केजीएमयू के प्रवक्ता डा. सुधीर सिंह ने बताया कि 17 जून को 48 वर्षीय महिला ममता मेडिसिन वार्ड में भर्ती हुई। वह पहले से फेफड़ों की टीबी से ग्रासित थी। मरीज़ को जांच में दिमागी टीबी का भी पता चला। मरीज की बहुत ज्यादा सांस फूलने और स्थिति बिगड़ने पर वेंटीलेटर पर डाला गया। मरीज की कोरॉना की जांच करने पर पॉजिटिव पायी गई। उसे कोविड आइसीयू में रखकर उसका इलाज किया गया। 15 दिन डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के अथक प्रयासों से मरीज को वेंटीलेटर से निकाला गया और आईसीयू से आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया। अब वह पूरी तरह स्वस्थ है। डा. सुधीर ने कहा कि कोरोना और फेफड़े की टीबी के मरीज़ का वेंटीलेटर से ठीक होकर बाहर आना अपने आप में एक उपलब्धि है।
लंग कैंसर से संघर्ष करते हुए कोरोना को दी मात
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