लखनऊ। कोरोना वायरस से प्रदेश में पहले फार्मासिस्ट की हाथरस में मौत हो गई है। हाथरस जिला अस्पताल में तैनात देवेश शर्मा इमरजेंसी में ड्यूटी कर रहे थे। बताया जाता है कल उन्हें बुखार के साथ कोरोना के लक्षण दिखे। उन्हें तत्काल अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जहां उनकी तबीयत तेजी से बिगड़ती गई और मौत हो गई। कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद हाथरस जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया है। उधर राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने फार्मासिस्ट देवेश शर्मा की मौत पर दुख प्रकट करते हुए कहा है कि प्रदेश के जिला अस्पताल हो या कोई भी अस्पताल की इमरजेंसी में कोविड-19 की प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए। वहां पर हर तरह का मरीज आता है और वह बिना लक्षण वाला कोरोना वायरस का मरीज भी हो सकता है।
ऐसे में इमरजेंसी की ड्यूटी में शामिल पूरा स्टाफ खतरे में रहता है। सुनील यादव ने प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा है कि देवेश शर्मा के परिजनों को कोविड-19 बीमा राशि के अलावा अन्य सहायता राशि भी तत्काल देनी चाहिए । ताकि परिवार का भरण पोषण हो सके। उन्होंने बताया देवेश शर्मा का फार्मासिस्ट पद पर तैनात हुए अभी ज्यादा समय नहीं गुजरा है। वह अपने कार्य क्षेत्र में हमेशा कर्मठ और आगे बढ़कर काम करने वाले फार्मासिस्ट में गिने जाते रहे हैं। उधर हाथरस स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल उनके परिवार के सदस्यों की कोरोना के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। इसके साथ ही इमरजेंसी ड्यूटी में साथ के लोगों की भी जांच कराई जा रही है।
Soo sad….बहुत दुख की बात है….परमात्मा उनकी आत्मा को अपने चरणों मे स्थान दे…
सबसे बड़ी दुख की बात है….की सरकारी कर्मचारी को छोड़कर……जो बाकी प्राइवेट सेक्टर मैं मेडिकल सेवा दे रहे है…. ओर जिन्होंने लोकडाउन के दौरान सेवा दी है…अपनी ओर अपने परिवार की जान जोखिम मैं डालकर
अगर उन्हें कुछ हो जाता है….तो उसका जिम्मेदार कोन होगा सरकार या फार्म के मालिक…..उनके लिए भी कोई सुविधा होनी चाहिए