लखनऊ। स्टेम सेल से दांतों को दोबारा उगाने पर प्रयोग चल रहा है। इस प्रयोग के सफल होने पर बच्चों के दांतों को ठीक किया जा सकेगा। यह जानकारी शनिवार को किं ग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थित डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक एंड प्रेवेनटिव डेंटिस्ट्री के वरिष्ठ प्रो. राकेश कुमार चक ने विभाग के गोल्डन जुबली समारोह में दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पीजीआई के निदेशक डॉ. राकेश कपूर थे। इस अवसर पर विभाग के सबसे विभाग प्रमुख प्रो.आर.के.रॉय के नाम पर ओरेशन का भी आयोजन किया गया।
उन्होंने बताया कि आने वाले समय में जिन बच्चों में दांत किसी बीमारी अथवा दुर्घटना में चले गये होंगे। इसकी खास बात यह होगी कि स्टेम सेल के माध्यम से प्राकृतिक तरीके से दांत उगाये जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि जब किसी बच्चे का खेलते समय या दुर्घटना में दांत जड़ से टूट जाता है,ऐसे बच्चों के अभिभावक यदि समय रहते विभाग पहुंच जाये। उसी निकले हुए दांत को दोबारा से लगाया जा सकता है। इस बात पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है कि किसी भी प्रकार से बच्चों के दांत बचाये जा सकें। उनमें इप्लांट न लगाना पड़े।
इनका हुआ सम्मान
प्रो.जे.एन.जायसवाल,प्रो.एसडी.ग्रोवर,प्रो.शोभा टंडन, डॉ. हरजिन्दर सिंह, डॉ. विजय कुमार शर्मा, प्रो. राजेंद्र सिंह पठानिया, प्रो. प्रदीप कुमार महेश्वरी, प्रो, नवीन मित्तल, डॉ. निरंकार सक्सेना, प्रो. फ़िरोज़ समादी चिकित्सकों को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
वहीं प्रो.प्रदीप रस्तोगी,प्रो.आर.के.पाण्डेय, प्रो.सीपी चौधरी,प्रो.राकेश कुमार चक, प्रो. बिनीता श्रीवास्तव, प्रो. एजाज़ अहमद, प्रो. मोनिका कौल, डॉ. भावना कौल, प्रो. आई.के.पंडित, प्रो. मौसमी गोस्वामी, डॉ. दीपा सिंघल, प्रो. निखिल श्रीवास्तव, प्रो. दिव्या.एस.शर्मा, डॉ. आशु जैन, प्रो. महेंद्र कुमार जिन्दल, प्रो. सीमा चौधरी, प्रो. नीरज गोस्वामी, प्रो. नीरजा सिंह को अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अलावा प्रोफिसियन्सी आवार्ड, अवार्ड ऑफ एप्रिसियेसंस तथा सर्टीफिकेट ऑफ एप्रिसियेसंस से 47 चिकित्सकों को सम्मानित किया गया।