डाटा निकाल कर देखिए इतनी सरकारी नौकरियां कभी नही दी गयी

0
773

 

Advertisement

 

 

 

 

 

 

*समाज के दिग्दर्शन का महती दायित्व निभाएं शिक्षक: योगी*

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजकीय और सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों के स्वर्णिम दिनों की वापसी के लिए शिक्षकों का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि आज शासन, प्रशासन और राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे लोग, किसी कॉन्वेंट स्कूल से पढ़कर नहीं आए, इन्हीं इंटर कॉलेजों में यह पौध तैयार हुई है। आज इन शिक्षण संस्थानों के सामने अस्मिता बचाने की चुनौती है। इसमें सफलता के लिए शिक्षकों को ही आगे आना होगा।

सीएम योगी, गुरुवार को लोकभवन में आयोजित राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिए नवचयनित 2,846 प्रवक्ता/सहायक अध्यापकों के नियुक्ति पत्र वितरण व ऑनलाइन पदस्थापना समारोह में अभ्यर्थियों से मुखातिब थे। नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान करते हुए योगी ने उन्हें सतत जिज्ञासु बने रहने की सीख दी। शिक्षक को समाज और राष्ट्र का निर्माता बताते हुए उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य है कि आप लोगों ने जीवन में अपने लिए शिक्षक की भूमिका को चुना है। अपनी महती जिम्मेदारी को समझें और एक ऐसी पीढ़ी तैयार करें जो आने वाले समय में राष्ट्र को नेतृत्व देने में समर्थ हो। उन्होंने कहा कि शिक्षक को शासन की नीतियों की जानकारी रखना जरूरी है।इससे आप अपने विद्यालयों में अच्छा कर सकते हैं, यूथ को प्रोत्साहित कर सकते हैं। कई बार सुनने को मिलता है कि छात्र कहता है कि हमको स्कॉलरशिप नही मिली, क्योंकि समय पर जानकारी नहीं मिली। शिक्षक इस समस्या का सरल समाधान हो सकते हैं। नवचयनित शिक्षकों से मुखातिब मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी को आवेदन से लेकर आज तैनाती तक किसी भी चरण में कहीं भी सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ी। जब किसी भी सिफारिश की जरूरत नही हुई तो सरकार की भी आपसे एक अपेक्षा रखती है। हर प्रक्रिया निष्पक्ष तरीके से संपादित हुई है, इसीलिए सरकार एक स्वस्थ और सकारात्मक माहौल बनाने की आपसे अपेक्षा रखती है।

*डाटा निकाल कर देखिए इतनी सरकारी नौकरियां कभी नही दी गईं:*

“मिशन रोजगार” की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले हर चयन प्रक्रिया में बेईमानी का घुन लग जाता था।युवा हताश और निराश था, पलायन को मजबूर था। हर दिन बेईमानी और भ्रष्टाचार की नई कहानी लिखी जाती थी। हमारी सरकार आई तो अब योग्यता और मेरिट को सम्मान मिला। साढ़े चार वर्ष में साढ़े 04 लाख सरकारी नौकरियों पर पूरी ईमानदारी, पारदर्शिता के साथ चयन हुआ। निवेश अनुकूल नीतियों से 1.61 करोड़ युवा निजी क्षेत्र में रोजगार पा सके। डाटा निकाल कर देख लें, कभी भी इतनी नौकरियां नहीं मिलीं। कानून-व्यवस्था के बारे में देश-दुनिया की भावनाएं यूपी के प्रति बदली हैं। आज प्रदेश निवेश हो रहा है,कोई भी माफिया अब किसी को परेशान नही कर सकता। प्रदेश ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में आज राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर आ गया है। यही नहीं, देश की अर्थव्यवस्था में हमारी सरकार के परिश्रम का परिणाम है कि उत्तर प्रदेश देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। आज 2021 में उत्तर प्रदेश की बेरोजगारी दर 4.1% रह गयी है।यह कार्य पहले भी हो सकते थे, लेकिन यह पिछली सरकारों की मंशा नहीं थी।

*बहु प्रतीक्षित नई शिक्षा नीति से बदलेगी पठन-पाठन की रीति:*
केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए सीएम योगी ने नवचयनित अभ्यर्थियों से कहा कि दशकों पुरानी शिक्षा नीति को बदलकर लागू हुई नई शिक्षा नीति पठन-पाठन को नया ध्येय देने वाली है। शिक्षा किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रहेगी, शोध-अनुसंधान का माध्यम भी होगी। इसके लिए सभी को तैयारी कर लेनी चाहिए।

*नीलाम होते थे परीक्षा केंद्र, मजाक बन गई थीं परीक्षाएं: डिप्टी सीएम*

नवचयनित शिक्षकों को बधाई देते हुए उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि विगत साढ़े चार साल में शैक्षिक परिदृश्य में व्यापक परिवर्तन हुआ है। एकउ समय था कि जब यूपी में परीक्षा केंद्रों की नीलामी होती थी। विद्यार्थी कोई और परीक्षार्थी कोई और। परीक्षा मज़ाक बन कर रह गई थी। नकल माफिया का आतंक था। पाठ्य सामग्री के चयन तक में भ्रष्टाचार होता था। लेकिन योगी सरकार ने सीसीटीवी, स्कूलों की चहारदीवारी, कंट्रोल रूम जैसे विशेष प्रयासों से परीक्षाओं की शुचिता बहाल की। अनियमित सत्र को नियमित किया। यह बदला हुआ उत्तर प्रदेश है। डिप्टी सीएम ने नियुक्तियों में शुचिता और पारदर्शिता की बात कहते हुए पदस्थापना में अभ्यर्थियों की मिल रही सुविधा का जिक्र भी किया।

*रोजगार पुरुष हैं योगी: सतीश द्विवेदी*
बेसिक शिक्षक मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा कि वैसे तो योगी सरकार का यह कार्यकाल प्रदेश के इतिहास में स्वर्णकाल की तरह जाना जायेगा। आप जिस भी क्षेत्र की ओर देखेंगे कुछ नया अनुपम और अभूतपूर्व दिखेगा। पर नौकरी-रोजगार की दृष्टि से यह कार्यकाल ऐतिहासिक रहा है। आज के युग में भौतिक पूंजी से अधिक महत्व मानव संसाधन पूंजी का है। मिशन रोजगार के माध्यम से योग्यता और मेरिट को आधार बनाकर योगी इसी पूंजी को बढ़ा रहे हैं। इतिहास में सीएम योगी को विकास पुरुष के साथ-साथ “रोजगार पुरुष” की संज्ञा से जाना जाएगा।

इससे पहले, अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा, आराधना शुक्ला ने बताया कि लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से राजकीय एवं सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों का चयन किया गया। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पदस्थापना में अभ्यर्थियों की मेरिट के साथ-साथ उनकी पसंद का भी ध्यान रखा गया है। बीते दो चरणों में 50 फीसदी से अधिक अभ्यर्थियों को उनकी पसंद के जनपद में नियुक्ति मिली है।

Previous articleKgmu: मरीजों की उच्चस्तरीय होगी चिकित्सा व्यवस्था
Next articleसीएम से फरियाद करने पेट के बल लेट कर जाएंगे केजीएमयू कर्मचारी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here