-हाई बीपी से खराब हुई किडनी,
लखनऊ। जीवन देने वाली मां ने अपनी किडनी दान कर दोबारा अपनी बेटी को नयी जिंदगी दे दी। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में हुए सफल किडनी प्रत्यारोपण में मां ने बेटी की जिंदगी बचाने के लिए किडनी दान कर दी। केजीएमयू में असाध्य रोग के तहत निशुल्क किये गये इस प्रत्यारोपण में एसजीपीजीआई के नेफ्रोलॉजिस्ट एवं यूरोलॉजिस्ट से सहायता ली गयी।
केजीएमयू के मीडिया प्रवक्ता डा. सुधीर ने बताया गया है कि तालकटोरा निवासी ममता गौड़ किडनी की बीमारी से पीड़ित चल रही थी। वह वर्ष 2021 से इलाज करा रही थी। सर्जरी वाली टीम के डॉ विश्वजीत ने जांच में पाया कि किडनी खराब होने का कारण उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर था। उन्होंने बताया कि मरीज का पहले से केजीएमयू में इलाज चल रहा था। केस हिस्ट्री से ऐसा माना जा रहा है कि लगभग 15 वर्ष की उम्र के बाद से मरीज को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत रही होगी। उन्होंने कहा कि यह विडम्बना है कि सामान्यत: इतनी कम उम्र में लोग ब्लड प्रेशर की जांच कराने से बचते है आैर ध्यान नहीं देते है। अन्यथा ब्लड प्रेशर की बीमारी समय रहते पता चल जाती, तो किडनी को खराब होने से रोका जा सकता था। मरीज की वर्ष 2023 से मरीज की डायलिसिस शुरू हो गयी थी।
लगातार डायलिसिस के बाद अब किडनी प्रत्यारोपण की आवश्यकता हो गयी। मां पुष्पा देवी अपनी बेटी की जिंदगी बचाने के लिए तत्काल किडनी दान करने के लिए तैयार हो गयी। दोनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। किडनी ट्रांसप्लांट की गाइडलाइन के अनुरूप दोनों प्रत्यारोपण के लिए सही पाए गए। विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम ने 26 अक्टूबर को किडनी प्रत्यारोपण कर दिया गया। अब मरीज और दानकर्ता दोनों ही स्वस्थ हैं।
इसी के चलते हाल ही में एक ऑपरेशन थिएटर एवं आईसीयू की स्थापना की गई। कुलपति ने सफल शल्य चिकित्सा के लिए समस्त टीम को बधाई दी।
ऑपरेशन करने वाली टीम–
केजीएमयू यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ डा. विश्वजीत सिंह, डा विवेक सिंह, डा बीपी सिंह, डा मनोज कुमार, डा मोहम्मद रेहान तथा डा कृष्णा भंडारी
निश्चेतना विभाग मो परवेज, डा तन्मय तिवारी, डा तन्वी भार्गव तथा डा रतिप्रभा