लखनऊ। गोमती नगर स्थित डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान की इमरजेंसी में रविवार को कोरोना संदिग्ध मरीज की मौत होने पर अफरा -तफरी मच गयी। तीमारदारों की शिकायत के बाद शव से कोरोना की जांच के नमूने डाक्टरों ने एकत्र किया। जांच रिपोर्ट आने तक शव को अस्पताल की म्यूर्चरी में सुरक्षित रखा गया है। संदिग्ध कोरोना मरीज की सूचना से मौत से इमरजेंसी में डाक्टर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ तक में अफरा-तफरी मच गयी। तत्काल इमरजेंसी में मरीजों की भर्ती रोक लगाने के बाद करीब दो घंटे तक पूरी तरह से इमरजेंसी को सैनेटाइजेशन कराया गया।
एलडीए कॉलोनी स्थित जोनल पार्क रहने वाले निलेश पाल (60) को सांस लेने में तकलीफ होने लगी।
तीमारदारों के अनुसार उसे बुखार और सर्दी-जुकाम की शिकायत बनी हुई थी। तीमारदार मरीजों को लेकर लेकर शनिवार सुबह करीब बजे लोहिया इमरजेंसी पहुंचे। इमरजेंसी में डॉक्टरों ने जांच करने व तीमारदारों की बात सुनकर कोरोना की आशंका जाहिर की। तत्काल मरीज को इमरजेंसी के सामने ट्रॉमा सेंटर के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया। इसी दौरान शाम को 12 कोरोना संक्रमित मरीजों के आने की खबर मिलते ही निलेश पाल को फिर इमरजेंसी में शिफ्ट कर दिया गया। रविवार सुबह मरीज की हालत गंभीर होने लगी। तीमारदारों का आरोप है कि इमरजेंसी के डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताने के बाद भी मरीज को ठीक से नहीं देखा। करीब 10 बजे मरीज की मौत हो गयी।
इसके बाद तीमारदारों ने हंगामा करते हुए डॉक्टरों से कोरोना की जांच कराने की गुजारिश की। काफी जद्दोजहद के बाद जांच के नमूने एकत्र किए गए। उधर कोरोना संदिग्ध की मौत से घबराए डॉक्टरों ने परी इमरजेंसी को सैनेटाइजेशन कराया। इस दौरान दो घंटे इमरजेंसी में मरीजों की भर्ती ठप रही। मरीजों को बिना इलाज लौटा दिया गया।
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