लखनऊ। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक आज बिना तामझाम के एक आम व्यक्ति की तरह शर्ट पैंट में किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। यहां निरीक्षण करने का अंदाज ही कुछ अलग था। उपमुख्यमंत्री ने मरीजों से बातचीत तो की ही साथ ही काउंटर पर लाइन में लगकर व्यवस्था को परखा और गड़बड़ी मिलने पर केजीएमयू अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश की दिये।
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से महिला मरीज ने केजीएमयू द्वारा जारी किए गए ओपीडी पंजीकरण के लिए टेलीफोन नंबर न मिलने की शिकायत की। शिकायत को तत्काल गंभीरता से लेते हुए पर उपमुख्यमंत्री व चिकित्सा शिक्षा मंत्री बृजेश पाठक ने पंजीकरण के लिए 0522-2258880 पर फोन किया। बताया जाता है कि लगभग 10 मिनट तक वे फोन मिलाते रहे, लेकिन फोन नहीं लगा। नाराज उपमुख्यमंत्री केजीएमयू परिसर स्थित पीएचआई भवन में कॉल सेंटर पहुंचे। वहां पर उन्हें सेंटर में अव्यवस्थाएं देखने को मिली।
यहां पर उपमुख्यमंत्री ने कॉल सेंटर कर्मचारियों से जानकारी ली कि आज कितने फोन आएं? कितनी फोन की लाइन काम कर रही हैं? जो लाइन काम नहीं कर रही हैं? उनकी वजह क्या है?। तैनात अधिकारी कर्मचारी मंत्री के सवालों का जवाब ही नहीं दे सके। उन्होंने अव्यवस्था से नाराज होकर के कॉल सेंटर का संचालन कर रही एजेंसी को बदलने की हिदायत दी। वहीं केजीएमयू के जिम्मेदार अधिकारियों पर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा यह नंबर क्यों नहीं मिल रहा है? अधिकारी भी जानकारी नहीं दे सके। जब अधिकारियों ने बताया कि आईटी सेल इंचार्ज का काम देख रहे डॉक्टर से इस समस्या के बारे में बात की जाएगी। तब आईटी सेल का इंचार्ज एक डॉक्टर के बनने पर उपमुख्यमंत्री नाराज हो गए। उन्होंने कहा की डॉक्टर का काम मरीजों का इलाज करना है रिसर्च करना है । वह टेक्ननिकल चीजों को क्या जानता है? इस पर मौजूद अधिकारियों ने समझाते हुए कहा कि डॉक्टर मॉनिटरिंग के लिए हैं। मंत्री ने कॉल सेंटर की व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रतिदिन आने वाले फोन का ब्यौरा रजिस्टर में दर्ज करने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि अब एजेंसी को भुगतान प्रतिकॉल के हिसाब से किया जाए। मंत्री ने अधिकारियों से कॉल सेंटर की पूरी रिपोर्ट शाम तक उपलब्ध कराने को कहा।
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक दोपहर यहां के न्यू ओपीडी ब्लॉक में मरीजों का भीड़ देखते हुए। सबसे पहले पहले तल पर पहुंचे और देखा यहां डॉक्टर के कमरे में एक्सरे व्यूबॉक्स लटके थे। पर, डॉक्टर कमरे में ट्यूबलाइट की रोशनी में एक्सरे फिल्म देख रहे थे। उनके पूछने पर डॉक्टर ने बताया कि एक्सरे व्यूबॉक्स काफी समय से खराब है। इस पर उपमुख्यमंत्री ने केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएन शंखवार से ओपीडी में इलाज के इंतजामों को दुरुस्त करने के लिए कहा।
उन्होंने ओपीडी में कई कमरों के भीतर व बाहर दरवाजों के पास प्लास्टर उखड़ा पाया। ऐसे में शाम तक दुरुस्त कराने के निर्देश दिए। साथ ही साफ सफाई व्यवस्था को भी बेहतर करने को कहा। उन्होंने कहा कि स्ट्रेचर, व्हीलचेयर की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। मरीजों को दवाएं अंदर से ही मिले। उन्हें बाहर से दवाएं न लिखी जाएं। प्रथम व दूसरे तल पर कूड़ा पड़ा था। इसके अलावा उपमुख्यमंत्री ने ट्रामा सेंटर की चिकित्सा व्यवस्था का जायजा लिया और वहां के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक व ट्रामा सेंटर प्रभारी डॉक्टर संदीप तिवारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।