*पीएचसी में ताला, आटो में प्रसव पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक खफा*
*अमेठी के जनता अस्पताल का लाइसेंस निलंबित
लखनऊ। हरौनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ताला बंद होने की दशा में गर्भवती महिला को समय पर इलाज नहीं मिल सका। लिहाजा ऑटो में ही प्रसव हो गया। इस घटना पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है।
सरोजनीनगर के लतीफ नगर निवासी रोशनी को गुरुवार को प्रसव पीड़ा हुई। परिजन शाम 6 बजे गर्भवती को लेकर हरौनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुँचे। केंद्र में ताला लगा था। परिजनों ने गेट खुलवाने का प्रयास किया था। इसी दौरान ऑटो में ही प्रसव हो गया। इस घटना पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कड़ा रुख अख्तियार किया है।
डिप्टी सीएम ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ताला बंद होने के मामले की जाँच के आदेश दिए हैं। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल प्रकरण की जांच कराने के निर्देश दिए। साथ ही अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व डिप्टी सीएमओ स्तर की टीम मौके पर भेजकर जांच कर दोषियों को चिन्हित करते हुए कठोर कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। तीन दिन के अंदर पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मांगी गई है।
*रिश्वतखोर कर्मचारी की संबद्धता खत्म*
फतेहपुर के पोस्टमार्टम हाउस में स्वीपर ने पीड़ित परिजनों से रिश्वत ली। डिप्टी सीएम ने सीएमओ से मामले की जांच के आदेश दिए। साथ ही पोस्टमार्टम हाउस से संबद्ध स्वीपर को हटाने के निर्देश दिए हैं। श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि पोस्टमार्टम हाउस में बेहद दुखी व परेशान लोग आते हैं। कर्मचारी की बेजा हरकतों से विभाग की छवि धूमिल हो रही है। ऐसे कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई होगी।
*महिला से अभद्रता के प्रकरण की जांच शुरू*
कन्नौज के राजकीय मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर पर महिला के साथ अभद्र व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगे हैं। डिप्टी सीएम ने कॉलेज के प्रधानाचार्य को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। प्रधानाचार्य ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है। कमेटी को एक सप्ताह में जांच पूरी करनी है। दोषी चिकित्सा शिक्षक के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।
*जनता अस्पताल का लाइसेंस निलंबित*
अमेठी के जनता हॉस्पिटल में महिला मरीज की मौत के मामले की जांच होगी। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की सख्ती के बाद सीएमओ को तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं। कमेटी ने जांच शुरू कर दी। शुरूआती जांच में जनता हॉस्पिटल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाने के आदेश दिए गए हैं। प्रकरण की जांच रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर मांगी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाए जाने पर उक्त हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन भी निरस्त किया जाएगा।