लखनऊ। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री (डिप्टीसीएम) ब्रजेश पाठक शुक्रवार को सुबह लगभग आठ बजे अचानक किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की ओपीडी पहुंच गये। उनके इस तरह ओपीडी पहुंचने पर केजीएमयू प्रशासन में हड़कम्प मच गया। यहां पर डिप्टी सीएम सीधे ओपीडी में इलाज कराने आये मरीजों से रूबरू हुए आैर समस्याओं को जाना। डिप्टी सीएम ने पंजीकरण काउंटर बढ़ाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही ओपीडी में डाक्टरों को समय पर आने के साथ ही पर्चे पर जेनेरिक दवा लिखने का परामर्श दिया। इसके अलावा डिप्टी सीएम ने मर्चरी की व्यवस्था को देखा आैर साफ सफाई के निर्देश दिये।
ओपीडी में पहुंचे डिप्टी सीएम ने मरीज से पूछा कि इलाज हासिल करने में कोई दिक्कत तो नहीं हो रही है, मरीज ने बताया कि साहेब वैसे तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन ओपीडी में पर्चा बनवाना डॉक्टर से मिलने से बड़ा काम है। उसने बताया कि सुबह छह बजे से लाइन लग जाती है। लगभग दो से तीन घंटे लाइन में लगने के बाद ओपीडी का पंजीकरण हो पाता है। लगभग अन्य मरीजों व तीमारदारों ने यही बात कही। डिप्टी सीएम ने देखा कि ओपीडी के बाहर पुलिस चौकी के पास से मरीजों की लाइन लगी थी। जिसे देख वह ठहर गए। मरीजों से बातचीत शुरू की। बात चीत में पता चला कि पंजीकरण के लिए लाइन लगी है। बातचीत के दौरान मरीजों का दर्द छलक उठा। गोरखपुर से आये सतीश ने बताया कि दो से तीन घंटे बाद पर्चा बन पा रहा है। कानपुर के हरीश ने बताया कि ऑनलाइन पंजीकरण के बाद भी जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है। केजीएमयू के सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि करीब पांच से छह हजार मरीज रोज ओपीडी पहुंच रहे हैं। इस पर डिप्टी सीएम ने पर्चा काउंटर की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।
डिप्टी सीएम ने डॉक्टरों को समय पर ओपीडी में बैठने के लिए कहा आैर वार्ड का नियमित राउंड लेंने का परामर्श दिया। उन्होंने परामर्श दिया कि पर्चे पर मरीजों को जेनेरिक दवाएं ही लिखें।
डिप्टी सीएम ब्राजेश पाठक ने पुलिस चौकी की व्यवस्था को भी देखा। इसके बाद पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। वहां मौजूद अधिकारियों को साफ-सफाई रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यहां दुखी व पीड़ा में लोग पहुंचते हैं। इस लिए उन्हें दिक्कत नहीं हो, इसका ध्यान रखा जाए।