लखनऊ। एमसीआई के द्वारा प्रस्तावित मेडिकल एक्जिट टेस्ट के विरोध में बुधवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन देश भर में मनाया गया। विरोध नेशनल एक्शन डे के रूप में मनाया गया। आरोप है कि नये नियम से विदेशी मेडिकल डिग्री धारकों को फायदा होगा। एसोसिएशन की आईएमए स्टूटेंड विंग ने मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रकट किया।
आईएमए ने नेशनल एक्शन डे के रूप में मनाया –
आईएमए की लखनऊ शाखा के अध्यक्ष डा. पीके गुप्ता व सचिव डा. जिलेदार रावत ने बताया कि प्रस्तावित बिल में मेडिकल छात्रों को नेशनल एक्जिट टेस्ट से गुजरना होगा। इसके बाद एमसीआई अपना पंजीकरण देगी, जो कि अव्यवहारिक कदम है। देश भर के मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस छात्र पहले ही कठिन परीक्षा देकर मेडिकल में दाखिला लेते है साथ ही चार प्रोफेशनल इम्तेहान देना होता है। इसके बाद अनिवार्य इंटर्नशिप करना होता है। एमसीआई पंजीकरण देती है, तभी डाक्टर कानूनी रूप से प्रैक्टिस करते है, अब एक आैर इम्तेहान को प्रस्तावित कर दिया जा रहा है।
इस नये नियम से विदेश मेडिकल डिग्री डाक्टर्स को यह इम्तेहान नहीं देना होगा, जोकि अभी तक देश में एमसीआई पंजीकरण से पहले स्क्रीनिंग टेस्ट से गुजरते है। इस सम्बध में आईएमए ने एमसीआई को सुझाव भी दिया है, जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर एमबीबीएस फाइनल इयर इम्तेहान को सभी मेडिकल कालेजों में एक बोर्ड के माध्यम से कराया जाए तथा उसकी मेरिट के अनुसार पीजी में दाखिला एवं एमसीआई में पंजीकरण दिया जाए। इसी प्रकार पीजी कोर्सेस में सरकारी डाक्टर्स की सीट में आरक्षण के बजाय उनके लिए अलग से सीट उपलब्ध करायी जाए।