‘हाइपरटेंशन’ में छपे एक अध्ययन के अनुसार प्रदूषित वातावरण में मात्र दो घण्टे बिताने से ब्लडप्रेशर बढ़ सकता है, हार्ट अटैक के खतरे में वृद्धि हो सकती है या फिर ब्रेन डैमेजिंग स्ट्रोक तक आ सकता है। शोधकर्ताओं ने यह नतीजा 83 लोगों के प्रदूषित हवा के सम्पर्क में आने से पहले और बाद में ब्लडप्रेशर लेवल और रक्त वाहिनियों के फंक्शन पर वही असर पड़ा था, जैसा उपनगरों में सड़क के आस-पास रहने वालों पर पड़ता है। शोधकर्ताओं ने देखा कि प्रदूषित वातावरण में मात्र दो घण्टे रहने से डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर (ब्लडप्रेशर का नीचे वाला नम्बर) खासा बढ़ गया था और रक्तवाहिनियों का फंक्शन 24 घण्टे तक गड़बड़ रहा।
हार्ट अटैक या स्ट्रोक लाने के लिए पर्याप्त साबित हो सकती हैं –
समझा जाता है कि इस परिवर्तन का कारण शायद हवा में मौजूद वे सूक्ष्म तत्व हैं, जिनके कारण इन्फ्लामेषन और नर्वस सिस्टम में दिक्कतें पेष आ सकती हैं। कहना न होगा कि ये दो बातें ही हृदय और धमनी के रोगियों में हार्ट अटैक या स्ट्रोक लाने के लिए पर्याप्त साबित हो सकती हैं। इस अध्ययन के प्रमुख की सलाह मानें, तो जिन लोगों को हृदय संबंधी कोई समस्या हो या डायबिटीज हो या फिर फेफड़ों की कोई बीमारी हो, उन्हें बिनावजह बाहर नहीं घूमना चाहिए, खासकर यदि जब प्रदूषण बहुत अधिक हो।