लखनऊ – अमेरिकन कालेज ऑफ फिजिशयन (एसीपी) इंडिया का चैप्टर सम्मेलन में तीसरे दिन डॉ. अनुज माहेश्वरी मधुमेह बीमारी पर जानकारी देते हुए कहा कि मधुमेह का इलाज करना ही पर्याप्त नही मधुमेह रोगी की लाईफ को नार्मल करना जरूरी है, उसकी लाइफ क्वालिटी को बेहतर बनाना है। सम्मेलन में अन्य विशेषज्ञों ने होलिस्टिक उपचार व चेस्ट पेन के बारे में जानकारी दी।
डा. माहेश्वरी ने बताया कि मधुमेह को कंट्रोल करने के लिये मरीज का क्वालिटी ऑफ लाइफ को कम नही करना चाहिए। भारतीय खाने में करीब 80 कार्बोहाइड्रेट होता है, जबकि एक स्वस्थ ब्यक्ति को उसके खाने की 65 कार्बोहाइड्रेट की ही जरूरत होती है। इसलिए हमें मधुमेह को कंट्रोल करने के लिए ऐसे दवाओं का प्रयोग भी करना चाहिए ,जो कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को कम करे। इसके लिए डाक्टरों को कॉम्बिनेशन थेरेपी का इस्तेमाल करना चाहिए।
डॉ. के के तलवार द्वारा एक्यूट मायोकार्डियल इंफ्राक्शन पर जानकारी देते हुए कहा कि प्रत्येक चेस्ट पेन हार्ट अटैक का पेन नही होता है। यदि हमारे चेस्ट में तीक्ष्ण दर्द महसूस करे, दर्द चेस्ट के सेंटर में भी हो सकता है और वो हाथो की ओर जा रहा, दर्द लगातार 20 मिनट तक रहे, किसी एक्टिविटी को करने में परेशानी महसूस ही सांस की कमी महसूस हो रही है तो हमें तुरंत डाक्टरों को दिखाना चाहिए। आज का युवा वर्ग जिम में जाने के दौरान विभिन्न प्रकार के फूड सप्लीमेंट लेता है, यह भी हार्ट डिजीज के कारण बनते है। हमे डायनामिक एक्सरसाइज करना चाहिए। वेट लिफ्टिंग और भारी एक्सरसाइज आम आदमी के लिये सही नही है। युवा लोगों के लिए सबसे अच्छा है कि वो एक किलोमीटर की दूरी 10 मिनट में टहले। बैलेन्स डाइट ले तनाव से दूर रहे, अच्छी आदत को अपनाये । ये आदते आपको हार्ट की बीमारी के साथ अन्य बीमारियों से भी बचाता है। वेस्टर्न कन्ट्री में 40 वर्ष की नीचे की 5 आबादी एवं भारत मे 25 आबादी हृदय की बीमारी से ग्रसित है।
डॉ. एस सी मनचंदा द्वारा योगा से होलिस्टिक उपचार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मानव केवल शरीर नही है बल्कि वो माइंड और शरीर का मिश्रण है। माइंड का शरीर पर बहुत बड़ा प्रभाव है। माइंड और शरीर को एक करना ही योगा है। योगा से हम मन के चंचलता, उसके विकारो को दूर कर सकते है, किंतु हम लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारियों को योग के माध्यम से दूर रख सकते है। इसके वैज्ञानिक प्रमाण भी है। सही तरीके से किया गया योग स्ट्रेस को कम करने में सहायक है। होलिस्टिक हीलिंग से हम मृत्यु दर को भी कम कर सकते है। इंडो यूके स्टडी 4000 ऐसे मरीजो पर शोध किया गया है जिनको स्टंट लग चुका था ऐसे मरीजो को दवा के साथ योग पर भी रखा गया, इसका परिणाम यह आया कि इन मरीजो में दोबारा ब्लॉकेज की समस्या नही आई। बंगलोर में भी मधुमेह, शुगर पर योगा के प्रभाव के ऊपर स्टडी चल रही है, जिसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है।
योग से रेस्पिरेटरी, हार्ट, लंग, डायबटीज, ब्लड प्रेशर आदि की समस्या को दूर रखा जा सकता है। योग से ब्यक्ति स्ट्रेस फ्री होता है। योग को किसी अच्छे प्रशिक्षक की देख रेख में करना चाहिए।
बाग्लादेश से आयी डॉ. एच ए एम नजमुल हसन द्वारा निपाह वायरस के मैनेजमेंट की गाइडलाइंस पर बताया कि निपाह एक नयी बीमारी है । इससे एशिया के पांच देश मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, इंडिया ,बांग्लादेश प्रभावित है। निपाह वायरस का सर्वप्रथम अटैक मलेशिया के एक गांव निपाह में वर्ष 1998 में हुआ। जहां पर 265 लोग इससे प्रभावित हुए थे, जिसमें से 105 लोगों की मृत्यु हो गई । बांग्ला देश में निफा वायरस 2001 मैं सर्वप्रथम पाया गया इस से 13 लोग प्रभावित हुए जिनमें 9 की मृत्यु हो गई। निपाह वायरस से प्रभावित 75 लोगों की मृत्यु हो जाती है। इसके प्रति जागरूकता ही बचाव है। निपाह, डेंगू, चिकनगुनिया आदि बीमारियों के लिए भारत और बांग्लादेश को मिलकर एक गाइडलाइन बनानी चाहिये।
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