लखनऊ- किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में अब डायलिसिस यूनिट में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की दिक्कत होने लगी है। समय पर रखरखाव व मरम्मत न होने के कारण डायलिसिस करने वाली सभी तीनों उपकरण बंद हैं। इस कारण परेशान मरीजों को अब बलरामपुर अस्पताल , लोहिया संस्थान के अलावा निजी सेंटर भी जाना पड़ रहा है। इसके अलावा अभी तक भुगतान का मामला केजीएमयू 25 दिन बाद भी नहीं सुलझ नहीं पाने से दिक्कत लगातार बनी हुई है।
केजीएमयू के शताब्दी फेज वन में स्थित डायलिसिस यूनिट में एचआईवी पॉजिटिव मरीजों की डायलिसिस करने के लिए अलग तीन उपकरण है। बताया जाता है कि समय पर भुगतान नहीं होने के कारण खराब इन मशीनों का संचालन बंद है। कर्मचारियों का कहना है कि मरम्मत नहीं होने के कारण उपकरण ठीक से चल नहीं पा रहे हैं। वर्तमान में डायलिसिस के लिए कुल 17 में से सात उपकरण चल रहे है। इनमें से एचआईवी पीड़ितों की डायलिसिस के लिए एक मात्र उपकरण ही चल रही थी। परन्तु तीन दिन से एक मात्र उपकरण भी बंद कर दिया गया है। ऐसे में एचआईवी के मरीजों को बलरामपुर अस्पताल की डायलिसिस यूनिट रेफर किया जा रहा है। परन्तु वहां पर भी वेंटिंग होने के कारण मरीज निजी सेंटरों में जा रहे है। अगर यहां के आंकड़ों को माने तो
डायलिसिस कराने वालों में एचआईवी से पीड़ित मरीजों की संख्या करीब 15-20 के आसपास हैं। केजीएमयू के मीडिया प्रभारी डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि भुगतान का मामला लगभग अंतिम दौर में है। बहुत जल्द ही भुगतान कराकर उपकरणों को शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मरीजों को हो रही दिक्कतों को जल्द दूर किए जाने का प्रयास तेजी से किया जा रहा है।
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