एक लम्बे समय तक खून में शक्कर की अत्यधिक मात्रा से रक्तवाहिनियों की अंदरूनी दीवारों पर चिकनाई युक्त तत्वों का जमाव हो सकता है। नतीजा, धमनियों के अवरुद्ध होने का खतरा बढ़ सकता है या धमनियाँ के अवरुद्ध होने का खतरा बढ़ सकता है या धमनियाँ संकरी हो सकती हैं या फिर उनका लचीलापन जा सकता है।
कार्बोहाइड्रेट:
आप रोजाना जितनी कुल कैलोरी लेते हैं, उसका लगभग 50 से 60 फीसदी हिस्सा कार्बोहाइड्रेट से मिलना चाहिए। इसके लिए अपने खाने में ओट्स, बिना पॉलिना किये हुए चावल, खड़ी दाल, बीन्स, फलियों और फलों में अमरूद, सेब आदि को प्राथमिकता दें।
फैट्स:
फैट ( दोनों ही तरह की फैट ; एक वह जो तेल, घी, मक्खन आदि से प्राप्त होती है तथा दूसरी वह, जो सीयरियल्स और दालों आदि से मिलती है) भी रोजाना उतनी ही लें, जिससे कुल एनर्जी का 30 फीसदी हिस्सा इससे मिल सके।
प्रोटीन्स:
प्रोटीन आपको अपने वनज के हिसाब से लेना चाहिए। मसलन आपका वनज अगर 60 किलो है, तो आपको 60 ग्राम प्रोटीन की रोजाना जरूरत होती है, जो कि साबुत गेहूँ के आटे की 9 सर्विंग्स, दो कटोरी दाल या दो पीस चिकन या मछली और दो बार मक्खन निकाले 500 मिली. दूध से मिल जाता है।
नमक:
रोजाना 5 ग्राम से भी कम ही सोडियम क्लोराइड का इस्तेमाल करना चाहिए।
शक्कर और कृत्रिम स्वीटनर्स:
शुगर फ्री भी कुल कैलोरी के 10 फीसदी से भी कम ही रोजाना लें। इसमें शक्कर, शहद से मिलने वाली शक्कर, सिरप्स और फ्रूट जूस सभी शामिल हैं। कृत्रिम स्वीटनर्स का इस्तेमाल भी कम ही करें।
अल्कोहल:
रोजाना अधिक अल्कोहल का सेवन बेहद नुकसानदेह होता है।
पानी:
डेढ़ से दो लीटर यानी 8 से 10 गिलास पानी रोजाना पीयें।
आहार:
पौष्टिक आहारों का ही सेवन करें। एयरेटेड और हाई कैलोरी वाले ड्रिंक्स से दूर रहें। उनकी जगह छाछ, नारियल पानी या फिर नींबू-पानी का सेवन करें।
नाश्ता:
डॉक्टर के निर्देशानुसार रोजाना ऐसा नाश्ता लें, जिसमें पौष्टिक तत्व आवश्यक मात्रा में मौजूद हों।
खाना पकाने का तरीका:
जो भी खाना हो उसे तेल में तलने-भुनने की बजाय उबालकर, स्टीम्ड कर, भूनकर या ग्रिल्ड कर के तैयार करें। इससे शरीर को फैट कम मिलेगा।
रोज़ाना कितना और कितनी बार खायें:
कम मात्रा में एक निश्चित अंतराल पर खाएं। दो बार के खाने में कम से कम तीन से चार घण्टे का अन्तर हो।
एक अहम बात: भारत में इस समय 5 करोड़ से भी ज्यादा लोग डायबिटीज से ग्रस्त हैं। जानते हैं क्यों ? दरअसल यहां की कुल आबादी के आधे लोग असंतुलित आहार लेते हैं और बाकी के आधे लोग ऐसी चीजों का सेवन कर रहे हैं, जो सेहत के नजरिए से ठीक नहीं है। यही कारण है कि यहाँ डायबिटीज जैसी तमाम बीमारियाँ तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाती जा रही हैं।