न्यूज। बदलते परिवेश में लोगों को डायबटीज, कार्डियक, मोटापा बढ़ना आम बात हो गया है, लेकिन कुछ वजन कम करके इन रोगों के खतरों को किसी हद तक टाला जा सकता है। मोटापे के साथ डायबटीज टाइप टू के मरीज कुछ वजन घटाकर कार्डिंयक आैर स्ट्रोक जैसे रोगों के जोखिम को काफी कम किया जा सकता है।
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय इस विषय पर लगातार एक शोध में यह जानकारी निकलकर आई है। ‘ डायबिटोलॉजी जर्नल” में प्रकाशित इस अध्ययन में इंग्लैंड के 725 श्वेत, अधिक वजन वाले वयस्क प्रतिभागियों को शामिल किया गया। अध्ययन में पाया गया कि समुचित ढंग से वजन को नियंत्रित करके हृदयाघात आैर स्ट्रोक जैसे हृदय संबंधी रोगों (सीवीडी) के जोखिम को काफी कम किया जा सकता है।
ब्रिटेन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पोस्टडॉक्टोरल सदस्य जीन स्ट्रेलित्ज़ ने कहना है कि अध्ययन में देखा गया कि टाइप 2 डायबटीज से पीड़ित कम से कम पांच प्रतिशत वजन कम करने वाले लोगों में अपना वजन बरकरार रखने वाले लोगों की तुलना में सीवीडी का 48 प्रतिशत कम खतरा था।”
शोध में हिस्सा लेने वाले लोगों का वजन डायबटीज का पता लगने के दौरान आैर फिर उसके एक वर्ष बाद मापा गया।
स्ट्रेलित्ज़ ने आगाह किया कि अध्ययन से यह संकेत नहीं मिलता है कि जीवनशैली में बदलाव सीवीडी के इलाज या रोकथाम के लिए डायबटीज रोगियों द्वारा ली जाने वाली दवाओं की जगह ले सकते हैं।
उन्होंने कहा, ”हमारे अध्ययन में ऐसा कोई सबूत नहीं मिलता है कि जीवनशैली में बदलाव डायबटीज की दवाओं का स्थान ले सकते हैं।” स्ट्रेलित्ज ने बताया, ”हालांकि हमारे शोध से पता चलता है कि टाइप 2 डायबटीज से पीड़ित लोगों को डायबटीज के निदान के बाद सीवीडी का दीर्घकालीन खतरा कम करने में वजन कम करने से कुछ फायदा हो सकता हैं।”
अब PayTM के जरिए भी द एम्पल न्यूज़ की मदद कर सकते हैं. मोबाइल नंबर 9140014727 पर पेटीएम करें.
द एम्पल न्यूज़ डॉट कॉम को छोटी-सी सहयोग राशि देकर इसके संचालन में मदद करें: Rs 200 > Rs 500 > Rs 1000 > Rs 2000 > Rs 5000 > Rs 10000.