डाइट में कीड़ा, सीएम कार्याल ने तलब की रिपोर्ट

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की लापरवाही से किचन संचालक गंभीर मरीजों को संक्रमित खाद्य पदार्थो की लिक्विड डाइट में दे रहा है। पोस्ट ट्रॉमा वार्ड के गंभीर मरीजों के लिए बनने वाली लिक्विड डाइड में कीड़े निकले है। तीमारदार की शिकायत को कैटीन संचालक ने पहले तो शिकायत को दबा दिया आैर तत्काल शिकायत पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय से इस डाइट में कीड़ा मिलने की शिकायत पर केजीएमयू प्रशासन से रिपोर्ट तलब कर ली। इस पर केजीएमयू के कैंटीन संचालन के जिम्मेदारी लिए अधिकारियों में हड़कम्प मचा है।

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बताते चले कि केजीएमयू में मरीजों को खाने खिलाने की आपूर्ति का ठेका कैंटीन संचालक दिलीप जायसवाल को तीन साल पहले दिया गया था। यह ठेका केजीएमयू ने अपनी चल रही कैंटीन व्यवस्था को बंद करके शुरू की थी। किचन में करीब 2 हजार मरीजों को खाना यहंा बनाकर वितरित किया जाता है, इसके साथ ही 40-50 आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों को लिक्विड डाइड बनकर सभी आईसीयू व पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में अापूर्ति होती है। इस लिक्विड डाइट को बनाने में काफी सावधानी व संक्रमण से दूर रखकर बनाया जाता है। क्योंकि यह डाइट उन मरीजों को भी दी जाती है जिन्हंे पाइप से खाना दिया जा रहा होता है।

बताते है कि ट्रॉमा सेंटर के पोस्ट ट्रॉमा वार्ड में करीब तीन दिन पहले आईसीयू मरीजों के लिए बनने वाली लिक्विड डाइड कैंटीन संचालक देकर गए थे। मरीजों को देने से पहले वहां के कर्मचारी ने लिक्विड डाइड को छाना तो देखा उसमें कीड़े बिलबिला रहे थे। कीड़ा देख कर कर्मचारी के होश उड़ गये। कर्मचारियों ने मामले की शिकायत कैंटीन संचालक से की तो जांच करने गये किचन से जिम्मेदार अधिकारियों ने फीड बैक लेते हुए शिकायत को दबा दिया। शिकायत करने पर कोई कार्रवाई न होने पर एक तीमारदार ने इसकी शिकायत सीएम कार्यालय में की। शिकायत में कहा गया है कि किचन संचालक शिकायतो पर ध्यान नहीं देते है। तीमारदार ने इसकी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सीएम कार्यालय से केजीएमयू प्रशासन से रिपोर्ट तलब कर ली गई।

इस शिकायत पर केजीएमयू किचन संचालन के जिम्मेदार अधिकारी मामले को पटाक्षेप करने में जुटे है। बताते चले कि मरीजों को परामर्श देने की बजाय किचन में तैनात डाइटीशियनों ने करीब दो माह पहले केजीएमयू प्रशासन से कैंटीन संचालक की शिकायत की थी। इसमें डाइटीशियनों ने आरोप लगाया था कि मरीजों को दी जाने वाली बेसन की रोटी में घपलेबाजी हो रही है। कैंटीन संचालक आटे में हल्दी मिलाकर बेसन की रोटी तैयार कर रहा था। डाइटीशियनों ने लिक्विड डाइट में भी गड़बड़ी की शिकायत की थी, लेकिन कैंटीन संचालक की जिम्मेदार अधिकारी डा. कीर्ति ने शिकायत को नजर अंदाज कर दिया। कुलपति प्रो. एमएल बी भट्ट का कहना है कि जांच के निर्देश दे दिये गये है।

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