लखनऊ। दिल और दिमाग को परेशान करने के कई कारण है, लेकिन सबसे बड़ा कारण दिमाग और दिल को खून सप्लाई करने वाली नली में रूकावट है। इस बीमारी को कोरोनरी आर्टरी डिजीज कहते हैं। वल्र्ड हार्ट फेडरेशन ने विश्व हृदय दिवस भी मानता है कि असमय मौत का सबसे बड़ा कारण दिल की बीमारियां ( कार्डियोवोस्कुलर डिजीज) है। इस परेशानी पर काफी हद तक थोड़ा जागरूक रहकर लगाम लगाया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिल की बीमारी बढ़ रही है जिसका मुख्य कारण मोटापा, रक्त चाप, हाई ब्लड कोलेस्ट्रल, तंबाकू का इस्तेमाल, शारीरिक क्रियाशीलता में कमी और डायबटीज है। इन पर नियंत्रण रख कर काफी हद रक्त वाहिकाओं को बंद होने से बचाया जा सकता है।
संजय गांधी पीजीआई के कार्डियक रोग विशेषज्ञ डा. सुदीप कुमार कहते हैं कि रक्त वाहिकाओं में रूकावट के अलावा वाल्व में खराबी, दिल की अधिक धड़कन,दिल को धड़कने के लिए कम करंट मिलना, दिल में छिद्र की परेशानी होती है। डा. सुदीप के बताते हैं कि हर साल लगभग आठ से नौ हजार नए मरीज विभाग में इलाज के लिए आते है, जिसमें से लगभग ढाई हजार मरीज में दिल की रक्त वाहिकाओं में रूकावट की परेशानी का अंदेशा होता है, इनकी एंजियोग्राफी परीक्षण किया जाता है। इनमें से लगभग ग्यारह सौ मरीजों में एंजियोप्लास्टी की होती है। चार सौ मरीजों में माइट्रल वाल्व डायलेशन, लगभग ढाई सौ मरीजों को पेसमेकर लगाया जाता है। प्रो. सुदीप बताते हैं कि दिल की रक्त वाहिकाओं में रूकावट के कारण ही ब्रोन स्ट्रोक की भी आशंका बढ़ जाती है।
कितना आता है खर्च
दिल की रक्त वाहिकाओं में रूकावट की परेशानी होने पर बिना बड़ी सर्जरी के एजियोप्लास्टी तकनीक से रक्त वाहिका को खोल कर उस जगह पर स्टंट लगाया जाता है। एक स्टंट की कीमत 70 हजार से लेकर एक लाख बीस हजार तक है। रूकावट एक जगह पर है तो एक स्टंट से काम चल जाता है दो या तीन जगह रूकावट है दो दो से तीन स्टंट लगाना पड़ता है, जिसे खर्च बढ़ जाता है।
यह परेशानी तो सावधान
सीने में दर्द, दर्द सीने से उटकर एक या दोनो भुजाओ, जबड़े, गर्दन की तरफ फैले, सांस लेने में परेशानी , पैदल या सीढ़ी चढ़ने में सांस उखड़ने लग तो तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए। केजीएमयू के लॉरी कार्डियोलॉजी विभाग के डा. शरद चंद्रा का मानना है कि हार्ट की बीमारी कम उम्र में ही लोगों में देखने को मिल रही है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग अब 30 साल के ऊपर के सभी लोगों को हायपरटेंशन और डायबिटीज़ की स्क्रीनिंग की सलाह देता है। इसका प्रमुख कारण बदलती लाइफ स्टाइल, जंक फूड और धूम्रपान है। युवा पीढ़ी का झुकाव इस ओर ज्यादा होने के कारण ही यह बीमारी कम उम्र में घेर ले रही है।
इसके चलते हृदय को सही ढंग से कार्य करने के लिए जरूरी पोषक तत्वों और ऑक्सीजन की कमी से जूझना पड़ता है। इसके चलते सीने में दर्द की शिकायत होने लगती है, जिसे एंजाइना भी कहते हैं। यदि हृदय की मांशपेशी को रक्त आपूर्ति करने वाला हिस्सा पूरी तरह से कार्य करना बंद कर देता है तो दिल का दौरा पड़ सकता है। यह आज मौत का बड़ा कारण बन चुका है। इससे बचने के लिए हर दिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करना बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग करेगा जागरूक : महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य- उत्तर प्रदेश डॉ. पद्माकर सिंह ने प्रदेश के सभी अपर निदेशक- चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र भेजकर विश्व हृदय दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया है।
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