लखनऊ। शासन ने बलरामपुर अस्पताल के बाल रोग विभाग में मास्क हटाये जाने के बाद बच्चें की मौत को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगते हुए जानकारी तलब कर ली। अस्पताल प्रशासन ने आनन-फानन में जांच कमेटी गठित की करके दो घंटे में जांच भी पूरी कर ली। जांच रिपोर्ट में अस्पताल प्रशासन ने बच्चे के मास्क हटाये जाने से इंकार कर रहे है। निदेशक डा. राजीव लोचन का दावा है कि बच्चे की हालत ज्यादा गंभीर थी। इसलिए उसकी मौत हो गयी।
बताते चले कि बलरामपुर अस्पताल के बाल रोग विभाग में 13 अगस्त को सीतापुर निवासी शहनूर पुत्र मुन्नु के छह वर्षीय की मौत सफाई के वक्त आक्सीजन मास्क हटाये जाने के कुछ देर बाद उसकी मौत होने का आरोप उसके परिजनों ने लगाया था। परिजनों का आरोप था कि अगर आक्सीजन मास्क न हटाया गया होता तो शायद बच्चा बच सकता था। इस घटना के बाद बलरामपुर अस्पताल प्रशासन सक्रिय हुआ अौर रात में आक्सीजन मास्क नहीं हटाये जाने की सफाई दे दी। सोमवार की सुबह शासन व स्वास्थ्य मंत्री ने इस घटना को संज्ञान में लेते हुए बलरामपुर अस्पताल प्रशासन से स्पष्टीकरण मांगा। अस्पताल प्रशासन ने आनन- फानन में बाल रोग विशेषज्ञ डा. ब्राजेश, डा. वी के यादव व डा.सीपी सिंह की टीम गठित कर दी।
टीम गठित होती तब तक निदेशक डा. राजीव लोचन ने खुद ही कमान सम्हालते हुए सभी के बयान दर्ज करते हुए रिपोर्ट तैयार कर दी कि आक्सीजन मास्क नही हटाया गया। दोपहर में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि बच्चा पायरेक्सिया विद सेप्टीसीमिया विद लो जीसी विद स्माल एरिया बर्न से ग्रसित था। उन्होंने बताया कि बच्चे को ओपीडी में जांच के बाद केजीएमयू एम्बुलेंस से रेफर कर दिया गया था। निदेशक का आरोप है कि मरीज के परिजन केजीएमयू में उपचार न कराकर दोबारा 11 अगस्त की रात में बलरामपुर ले आये। 13 अगस्त को उसकी मौत शाम को हो गयी। उसके आक्सीजन मास्क नहीं हटाया गया।