लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के नाक कान गला रोग विभाग के विशेषज्ञ डाक्टरों ने मरीज के गले की सर्जरी करके दो किलो का जटिल ट्यूमर निकाल दिया। इस दो किलों के ट्यूमर के आगे मरीज की जिंदगी पिछले तीन वर्षों से बदहाल हो गई थी। काफी डाक्टरों से जांच कराने के बाद भी उसकी सर्जरी नहीं की जा सकी थी। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय पहुंचने पर डॉक्टर्स ने सर्जरी कर उसे परेशानी से निजात दिला दी। विशेषज्ञ डाक्टरों का कहना है कि यह जटिल ट¬ूमर था आैर इस प्रकार का ट¬म्र बहुत कम मरीजों को होता है।
सर्जरी करने वाले सुनील कुमार बताते है कि बस्ती के बारीजोत निवासी सोमल (55) पिछले 25 साल से लार ग्रंथि के ट्यूमर (सब मेंडीबुलर सलाइवरी ग्लैंड) से पीड़ित थे। स्थानीय कई डाक्टरों को दिखाया, लेकिन कोई फायदा नही हुआ आैर तीन साल में ट्यूमर बढ़कर दो किलो का हो गया। ट¬ूमर कारण उसे गर्दन घुमाने से लेकर सोने, उठने, हर चीज में दिक्कत होने लगी। यहीं नही चेहरे पर ट्यूमर के कारण इतनी अधिक विकृति हो गई, लोग देख कर खौफ खाते थे, उसका मजाक भी उड़ाया जाता था।
सोमल ने बताया कि वह केजीएमयू आए आैर ओपीडी में डाक्टर को दिखाकर जांच करायी तो डाक्टरों ने जल्द ही सर्जरी करके के लिए कहा गया। शुक्रवार को उसकी सर्जरी कर दी गयी और शनिवार को वह आराम महसूस कर रहे हैं।
डॉ. कुमार ने बताया कि यह बहुत ही दुर्लभ जटिल ट्यूमर है। यह ट्यूमर अगर समय पर नहीं निकाला गया तो कैंसर में बदलने का खतरा हो जाता है। उन्होंने बताया कि मरीज की सर्जरी में करीब साढ़े चार घंटे का समय लगा।
डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि गले में सूजन, गले के नीचे जबड़े की हड्डी के नीचे सूजन हो तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले। ट्यूमर होने पर उसे जल्द से जल्द निकाल देना चाहिए। ईएनटी विभाग के एचओडी डॉ. अनुपम मिश्रा ने बताया कि ऐसे मरीज कई कई बार बीमारी होने के 20 वर्ष बाद पहुंचते हैं. इसके कारण लार ग्रंथि से लार का श्राव होना ाी बंद हो जाता है। चेहरा विकृत होता है, चोट लगने का खतरा रहता है। मरीज को बैठने, सोने, हर चीज में दिक्कत होती है। इसलिए जल्द इलाज कराएं। सर्जरी में उनके साथ डॉ. सुनील कुमार, डॉ. प्रियंका, डॉ. कृष्णा चौबे, डॉ. ओंकार, डॉ. धीरेंद्र और एनेस्थीसिया से डॉ. एहसान सिद्दीकी की टीम शामिल थी।
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