लखनऊ। हमारी थाली में अगर चावल नहीं है तो कुछ नहीं है। ज्यादातर लोग खाने में चावल को अनिवार्य रूप से पसंद करते हैं। वास्तव में चावल के कुछ फायदे और कुछ नुकसान भी हैं। शोधकर्ताओं ने लगातार शोध करने के बाद पाया चावल का अत्यधिक सेवन करने से हम ज्यादा लंबा जीवन नहीं जी सकते हैं। चावल की फसलों जाने वाला आर्सेनिक पदार्थ अत्यधिक चावल खाने से दिल की बीमारियों का खतरा बन जाता है। पाया गया आर्सेनिक पहले से ही उन क्षेत्रों की मिट्टी में मौजूद है जहां किसानों ने आर्सेनिक आधारित कीटनाशकों का उपयोग किया है।
इसके बाद जब चावल की खेती की जाती है तो पौधों द्वारा उस आर्सेनिक को अवशोषित कर लिया जाता है। कारण यह है कि चावल एक आसान लक्ष्य है चावल के पौधे इस रसायन को आसानी से अवशोषित कर लेते हैं । जबकि अन्य प्लांट ऐसा नहीं करते हैं। मेनचेस्टर और सलफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने आर्सेनिक के संपर्क में आने से हृदय रोगों के बीच जानकारी एकत्र करने के लिए इंग्लैंड और वेल्स में चावल की खपत के पैटर्न का अध्ययन किया। उन्होंने उन कारणों को भी देखा जो हृदय रोग मोटापा धूम्रपान आदि में मदद के लिए जाने जाते हैं। शोध में पता चला आर्सेनिक अवशोषित चावलों के अत्यधिक सेवन से उपभोक्ताओं में 25% अधिक कार्डियक बीमारी का जोखिम होने की संभावना बन गई थी। जबकि चावल कम खाने वालों में यह संभावना 25% कम हो जाती है। हवा की देखा गया है निश्चित तौर पर कोई जहर नहीं खाना चाहता है भले ही वह स्वादिष्ट क्यों ना हो शोधकर्ताओं ने यह भी कहा चावल फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है । इसलिए पूरी तरह के आहार के बाहर करने की बजाय लोग चावलों की विभिन्न किस्मों जैसे बासमती और अन्य प्रकार के चावलों का सेवन कर सकते है, क्योंकि इन में आमतौर पर कम रासायनिक और आर्सेनिक का इस्तेमाल होता है। हालांकि यह शोध विदेशी धरती पर किया गया है लेकिन यहां भी इनके तथ्यों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।