लखनऊ। मांसपेशियों में आ रही सूजन या गांठ को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए। यह कैंसर भी सकता है। मांसपेशियों में ज्यादातर साफ्ट टिशू सारकोमा होता है। कीमोथेरेपी, सर्जरी और रेडियोथेरेपी से इसका इलाज सम्भंव है। अगर समय पर सही इलाज न मिलने से मरीज की जान खतरे में पड़ सकती है। यह बात डॉ. समीर गुप्ता ने बुधवार को केजीएमयू जनरल सर्जरी विभाग के 111 वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में कार्यशाला में कही।
सर्जरी विभाग के प्रेक्षागृह मे आयोजित कार्यशाला में डा. गुप्ता ने कहा कि हालांकि शरीर में सभी गांठ कैंसर नहीं होती हैं। लगभग 60 से 70 फीसदी गांठ सामान्य होती हैं।
परन्तु गांठ को किसी भी हालत में नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। केजीएमयू गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. सुमित रूंगटा ने बताया लिवर के मरीजों को सेहत का खास खयाल रखने की जरूरत है। डॉक्टरों को भी ऐसे मरीजों का ऑपरेशन से पहले खून व अल्ट्रासाउंड समेत दूसरी जांच करानी चाहिए। क्योंकि ऐसे मरीजों में पेट में पानी भरने से संबंधित परेशानी हो सकती है। कार्यक्रम में जनरल सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अभिनव अरूण सोनकर, डॉ. सुरेश कुमार, डॉ. अरशद अहमद, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. अवनीत गुप्ता, डॉ. जेडी रावत, डॉ. एसएन कुरील समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहे।