पेट की चोट को हल्के में न लें : प्रो. संदीप तिवारी

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लखनऊ। बदलती लाइफ स्टाइल से  वेरिकोजवेन नाम की बीमारी लोगों में बढ़ रही है। यह एक ही अवस्था में बैठे रहने या खड़े रहने के कारण हो सकती है। यह जानकारी बीएचयूवाराणसी के डॉ ए के खन्ना ने वेरिकोंज वेन्स पर सर्जन एसोसिएशन आफ इंडिया काफ्रेंस में व्याख्यान देते हुए दी। वर्चुअल काफ्रेंस किं ग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित की गयी थी। काफ्रेंस में केजीएमयू कुलपति ले. ज. डा. विपिन पुरी ने कोविड में सर्जरी प्रबंधन पर व्याख्यान दिया। इसके अलावा सर्जन्स ने भी विभिन बीमारियों का नयी तकनीक से इलाज की जानकरी दी।
डा. खन्ना ने कहा कि बदलती लाइफ स्टाइल में सभी के कार्य करने के अलग- अलग तरीके है। कम्यूटर के सामने लोग घंटों बैठ कर कार्य करते रहते है, तो क ाफी लोग एक अवस्था में घंटों खड़े होकर ड्यूटी करते रहते है। उन्होंने कहा कि लगातार एक ही अवस्था में रहने के कारण वेरिकोज वेन्स बीमारी होने की ज्यादा आशंका रहती है। डा. खन्ना ने कहा कि इस बीमारी में ज्यादातर नसों के ऊपर प्रेशर पड़ता है आैर वह फूल जाती है। ज्यादातर वेरिकोज वेंस की दिक्कत पैरों में ही होती है। अगर समय पर इसका इलाज कराया जाए तो रेडियोप्रिक्वेंसी तथा लेजर तकनीक से इलाज हो जाता है। उन्होंने कहा कि समय पर इलाज न कराने पर अल्सर होने की आशंका ज्यादा हो जाती है। ट्रामा सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. संदीप तिवारी ने कहा कि पेट की चोट को हल्के में नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्सर पेट में चोट अग्नाशय (पैक्रियाज) में लग जाती है आैर इसका तत्काल पता नहीं चलता है। यह चोट तीन चार दिन बाद पता चलती है आैर यह बहुत घातक हो जाती है। उन्होंने बताया कि पेट में चोट के दौरान जांच में सीटी स्कैन करा लेना चाहिए। इससे चोट का पता चल जाता है। प्रो. तिवारी ने बताया कि केजीएमयू ट्रामा में एक वर्ष में 31 मरीज पेट की चोट के भर्ती किये गये, जिनके अग्नाशय में चोट लगी थी। इनमें 18 मरीजों की सर्जरी की गयी, जिसमें 16 मरीज बच गये। उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान 31 में सिर्फ दो मरीजों की मौत हुई। केजीएमयू कुलपति ले. ज. डा. विपिन पुरी ने कोविड -19 महामारी में सर्जरी में सर्जन्स व मरीज की सुरक्षा बहुत आवश्यक हो गयी है। इसके लिए दोनो की सुरक्षा के लिए उच्च प्रबंधन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सर्जरी के लिए बताये गये प्रोटोकाल का पालन आवश्यक है आैर सभी सर्जन्स को करना चाहिए। कार्यक्रम में डॉ ए के सिंह, कुलपति अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी को प्रख्यात वरिष्ठ सर्जिकल शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ. अवनीश कुमार को उत्कृष्ट युवा शिक्षक पुरस्कार मिला तथा डॉ. अजय कुमार पाल को टीपी बनर्जी संगोष्ठी को संचालित करने के लिए पुरस्कार प्रदान किया गया। इस सम्मेलन में ऑन लाइन मंच पर 800 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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