डाक्टरों ने काला फीता बांध कर किया विरोध, रैली निकाल कर दी चेतावनी

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लखनऊ – कोलकाता में डाक्टरों पर हमले के विरोध में देश भर के डाक्टर एक हो गये है आैर डाक्टरों पर हिंसा के खिलाफ केंद्रीय कानून बनाने की मांग को लेकर सरकारी व गैर सरकारी डाक्टरों ने काला फीताबांधकर विरोध जताया। डाक्टरों ने देशव्यापी विरोध दिवस के क्रम में सड़क पर उतरकर प्रोटेस्ट मार्च में भाग लिया। इस दौरान बड़ी संख्या में डाक्टरों आैर मेडिकल छात्रों ने भी भाग लिया।

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किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, पीजीआई, लोहिया संस्थान व अस्पताल सहित बड़े-छोटे सभी अस्पतालों ने डाक्टरों ने काला फीताबांध कर मरीजों का उपचार किया। केजीएमयू में डाक्टरों ने एक मीटिंग करके अपना विरोध जताया। इसके साथ ही डाक्टरों के खिलाफ मारमीट रोकने के लिए एक प्रभावी कानून बनाने की मांग उठायी। अपराह्न दो बजे के बाद अपना विरोध जताने के लिए मार्च निकाला। इसके लिए बड़ी संख्या में चिकित्सक रिवर बैंक स्थित आईएमए भवन में एकत्र हुए। आईएमए भवन से विरोध मार्च शहीद स्मारक तक निकाला गया।

जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को ज्ञापन देकर डॉक्टर पर हिंसा के खिलाफ केंद्रीय कानून बनाने की मांग की। इसके साथ ही चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार को प्रभावी कदम उठाने की मांग की। प्रोटेस्ट मार्च में आईएमए लखनऊ के अध्यक्ष डा. जीपी सिंह, सचिव डा. जेडी रावत, उत्तर प्रदेश आईएमए के अध्यक्ष डा. एएम खान, डा. रुखसाना खान, डा रमा श्रीवास्तव, मनोज कुमार अस्थाना, डा. सरिता सिंह, डा. पीके गुप्ता, डा. प्रांजल अग्रवाल, डा. वारिजा सेठ, डा. अलीम सिद्दीकी, डा. प्रीती कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे।

उधर विरोध के तौर पर एसजीपीजीआई के सभी रेजिडेंट डाक्टर्स ने 2 घंटे का पेन डाउन कर देशव्यापी आंदोलन में भाग लेकर अपनी मांगों को रखने क्या प्रयास किया। इस दौरान कई डाक्टर नकली घायल बनकर अपना विरोध भी जताया। डाक्टरों की मांग थी कि आरोपियों को तुरंत कानून के तहत कड़ी सजा दी जाए जिससे कि आगे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में सभी डॉक्टर्स की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वालो को दंडित करने के लिए एक ठोस कानून बनाया जाए, जिसको सभी राज्यो द्वारा लागू किया जाए। हॉस्पिटल में प्रत्येक विभाग में अलग से पब्लिक रिलेशन ऑफिसर्स और उचित सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए। एक मरीज के साथ एक या दो तीमारदारों से ज्यादा लोगों का प्रवेश वर्जित हो।

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