डाक्टर बोली, नर्सिंग ऑफिसर ने अभद्रता व लापरवाही बरती, नर्सिंग ऑफिसरों ने दिया धरना

0
230

पीजीआई में डॉक्टर पर नर्सिंग ऑफ़िसर को थप्पड़ मार प्रकरण

Advertisement

फ़ैकल्टी ने निदेशक की कार्यशैली पर भी उठाए सवाल

नर्सिंग स्टाफ़ एसोसियेशन ने शुरू किया डॉक्टर के ख़िलाफ़ क्रमिक धरना

लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई में गुरुवार को सीवीटीएस की ओटी में कार्यरत नर्सिंग ऑफ़िसर धर्मेंद्र सिंह ने डॉ वरुणा वर्मा पर मारपीट व अभद्रता का आरोप लगाया था। जिसके बाद नर्सिंग ऑफ़िसर की तरफ़ से नर्सिंग स्टाफ़ एसोसिएशन और डॉक्टर की तरफ़ से पीजीआई की फ़ैकल्टी आमने सामने आ गए थे। हालाँकि पीजीआई निदेशक ने नर्सिंग यूनियन का विरोध देखते हुए एक जाँच कमेटी गठित की थी लेकिन अभी तक उसकी रिपोर्ट नहीं आई। जहां शनिवार को नर्सिंग यूनियन ने क्रमिक धरना शुरू कर दिया वहीं फ़ैकल्टी ने प्रेस वार्ता कर नाराज़गी ज़ाहिर की है।

प्रेस वार्ता के दौरान आरोपित डॉ वरुणा वर्मा ने बताया कि गुरुवार दोपहर एसजीपीजीआईएमएस के सीवीटीएस ऑपरेशन थिएटर में मरीज की कार्डियक बाईपास सर्जरी चल रही थी। डॉक्टर वरुणा के साथ पुरुष नर्सिंग स्टाफ धर्मेंद्र सिंह मौजूद था लेकिन वह उनकी सही से सहायता नहीं कर पा रहा था। सर्जन ने एक इंस्ट्रूमेंट माँगा तो वह इंस्ट्रूमेंट तक सही से नहीं दे पा रहा था, उल्टा बहस किए जा रहा था। उसके पास डिग्री तो है लेकिन उसे काम से संबंधित कोई जानकारी नहीं है और वह काम के प्रति लापरवाह हैं इससे पहले एक सीनियर सर्जन के यहाॅ भी आपरेशन थिएटर से सबंधित जानकारी न होने पर वह इंस्ट्रूमेंट वहां पर भी गलत दे दिया ,।

इससे सीनियर सर्जन ने उसको इंचार्ज नर्सिंग आफिसर से कहकर दूसरे ओ टी में सिखाने के लिए भेज दिया लेकिन उसकी आदत में सुधार नहीं आया । और वह ओ टी से बगैर बताये नर्सिंग एसोसिएशन के पास चला गया तथा नर्सिंग एसोसिएशन ने आह्वान किया कि समस्त नर्सिंग आफिसर एडम ब्लाक पहुँचे । जब सर्जन ने उसकी जगह दूसरे नर्सिंग स्टाफ़ को बुलाया और उसे हटने के लिए कहा। इसी बात पर वह नर्सिंग स्टाफ़ पर भड़क गया और उनसे अभद्रता की। वहीं बाद में उसने झूठी कहानी रचकर निदेशक से शिकायत की और निदेशक ने भी डॉक्टर वरुणा से बिना बयान लिए ही जाँच टीम गठित कर दी।

फ़ैकल्टी ने बताया कि संस्थान प्रशासन की लापरवाही के चलते ही तमाम डॉक्टर संस्थान छोड़ कर जा चुके हैं। अभी हाल ही में दो डॉक्टर स्वैच्छिक सेवानिवृत लेकर निजी अस्पताल में चले गये इनके निदेशक के कार्यकाल में पीजीआई के सीनियर डॉक्टर इनके कार्य से असंतुष्ट होकर दूसरे अस्पतालो की ओर रूख कर चुके हैं।फैकल्टी फोरम के अध्यक्ष अमिताभ आर्या और सचिव पुनीत गोयल ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि फ़ैकल्टी इस घटना से काफ़ी आहत है।निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन ने जो जाॅच कमेटी बनायी है।

वह उपयुक्त नहीं क्योकि उस कमेटी में डॉक्टर वरूणा वर्मा का पक्ष भी नहीं सुना और न ही फैकल्टी फोरम से किसी मेंबर को जांच कमेटी में रखा तथा नर्सिंग आफिसर को ओ टी मे कार्यरत लोगों को ही जांच कमेटी मे रखना चाहिए। इसलिए यह जांच कमेटी अनवेलिट हैं।फैकल्टी ने सारे आरोपों को झूठा बताया और नर्सिंग ऑफ़िसर पर कार्रवाई की माँग की है। फ़ैकल्टी का कहना है कि डॉक्टरों के लिए मरीजों की भलाई के लिए काम करना और उनकी जान बचाना पहली प्राथमिकता है लेकिन इस तरह के कर्मचारी होंगे तो डॉक्टर अपना काम कैसे करेंगे।

Previous articleदिल्ली में गर्मी के कारण 24 घंटे में 22 लोगों की मौत !
Next articleबलरामपुर अस्पताल में लगे भंडारे में डॉक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मी हुए शामिल

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here