लखनऊ । प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों के गायब होने की शिकायत पर उनकी लोकेशन पता लगाने के लिए कॉल सेंटर महानिदेशालय में जल्द ही बन कर तैयार हो जाएगा। 100 व 108 कॉल सेंटर की तर्ज पर 24 घंटे काम करने वाला यह कॉल सेंटर प्रदेश के सभी अस्पतालों में तैनात डाक्टरों के ड्यूटी पर गायब होने पर तलाश शुरू कर देगा। यह बात स्वास्थ्य मंत्री शिवकांत ओझा ने लोहिया संस्थान में आयोजित पीएमएस की कार्यकारिणी की बैठक में सम्बोधित करते हुए दी।
एसीपी व ट्रांजिंट हास्टल की मांग को जल्द ही पूरा करने का वादा –
उन्होंने बताया कि अस्पतालों की ओपीडी, इमरजेंसी से अक्सर डाक्टरों के गायब रहने शिकायत मिलती रहती है। ऐसे में मरीज को परेशानी होती है। डाक्टरों के सम्मान व उनकी मांगों को प्रदेश सरकार प्राथमिकता पर पूरा करने करती आ रही है। बैठक में उन्होंने पीएमएस संवर्ग की एसीपी व ट्रांजिंट हास्टल की मांग को जल्द ही पूरा करने का वादा भी किया। इसके साथ उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकारी अस्पतालों में दवाओं से लेकर जांच के सभी संसाधन मुहैया है। इस लिए बाहर से मरीजों को दवा नही लिखी जाए।
पत्रावलियों का निराकरण कराने के लिए सख्त निर्देश –
बैठक में सम्बोधित करते हुए श्री ओझा ने कहा कि डाक्टर जनसेवक हो सकता है। वह किसी का काम नहीं कर सकता है। डाक्टरों को चाहिए वह महानिदेशालय से लेकर सचिवालय तक बाबुओं की परिक्रमा करना बंद करके अपने कामों के लिए विभिन्न पदों पर तैनात अधिकारियों से मुलाकात करके समस्याओं का निराकरण कराये। कहीं निदान न हो तो वह मेरे पास आये। उन्होंने कहा कि डाक्टरों से जुड़ी पत्रावलियों का निराकरण कराने के लिए सख्त निर्देश दिये गये है। उन्होंने कहा कि वार्ड ब्वाय से लेकर छोटे छोटे तबादले करने के लिए उनके पास आते है। यह सब महानिदेशालय स्तर पर होना चाहिए। जहां पर जो काम होता है वह वही से हो।
वित्त विभाग इसका लाभ नहीं दे रहा है –
उन्होंने अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखे। सफाई के लिए मशीन देने के बाद भी मैनुअल काम कराया जाता है। इससे पूर्व बैठक में अध्यक्ष डा. अशोक यादव ने नवनियुक्त स्वास्थ्य महानिदेशक डा. पद्माकर सिंह का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि 2014 को विशिष्ट एसीपी का शासनादेशक होने के बाद भी अभी वित्त विभाग इसका लाभ नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिसलाइन के समीप अभी तक ट्रांजिट हास्टल अभी तक निर्माण नहीं शुरू हो पाया है। बैठक में महासचिव डा. सचिन वैश्य, डा. एससी श्रीवास्तव, डा. अनिल कुमार सहित अन्य प्रदेश के वरिष्ठ डाक्टर मौजूद थे।