डाक्टर समय पर आते नहीं,लाइन में लगी गर्भवती होती है बेहाल

0
221

 

Advertisement

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

लखनऊ। नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र इंदिरा नगर में अव्यवस्था से मरीज बेहाल है। सुबह नौ बजे तक चिकित्सा अधीक्षक तक स्वास्थ्य केन्द्र नहीं पहुंचते है। अन्य डाक्टरों का भी कमरा बंद ही रहता हंै। ओपीडी में मरीज इंतजार किया करता है। सोनोग्राफी टेस्ट के लिए गर्भवती महिलाओं की लम्बी लाइन में पुरुषों की दखलदांजी से हंगामा मचा रहता है। परेशान महिलाएं शिकायत करें तो किससे करें, कोई जिम्मेदार अधिकारी या डाक्टर मौजूद नहीं होता है। सोनोग्राफी करने वाले डाक्टर खुद नौ बजे के बाद पहुंचते है।

 

 

इंदिरा नगर स्वास्थ्य केन्द्र पर गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी सप्ताह में सोमवार व बृहस्पतिवार को होती है। इन दोनों दिन ओपीडी में डाक्टर की सलाह पर गर्भवती महिलाएं सोनोग्राफी टेस्ट के लिए पहुंचती है। जल्दी पर सोनोग्राफी टेस्ट कराने के लिए सुबह सात बजे से ही गर्भवती महिलाएं परिजनो के साथ स्वास्थ्य केन्द्र पहुंच जाती है। पर्चा काउंटर आठ बजे खोलने के बाद पंजीकरण करा कर सोनोग्राफी रुम के बाहर लाइन में लग जाती है। यहां पर आठ बजे के बाद काफी लम्बी लाइन जांच के लिए लग जाती है। जांच कराने के लिए पर्चा जमा करने के लिए हंगामा मच जाता है।

 

 

 

 

 

 

यह हंगामा गर्भवती महिलाओं के साथ आये पुरुष खुद लाइन लग जाते है आैर दूसरी गर्भवती महिलाओं का ध्यान न देकर आगे आने की कोशिश करते रहते है। ऐसे में अन्य गर्भवती महिलाओं के परिजन विरोध करते है अौर बवाल शुरू हो जाता है। लाइन मैनजेंमेंट के लिए कोई जिम्मेदार स्वास्थ्य कर्मी नहीं रहता है। जांच के लिए आयी गर्भवती महिला इंद्राणी के पति ने बताया कि उसकी पत्नी सुबह से लाइन में लगी है, लेकिन बाद में आये कुछ लोगों ने धक्का मुक्की करते हुए पर्चा पहले जमा कर दिया। लोगों का कहना था कि सोनोग्राफी जांच करने के लिए डाक्टर ही नौ बजे के बाद पहुंचते है। हकीकत यह थी कि स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षक डा. दिलीप भार्गव ही आठ बज कर पैतालिस मिनट तक नहीं पहुंचे थे।

 

 

 

 

 

 

 

 

इसके अलावा अन्य ओपीडी के कमरों में डाक्टर नहीं पहुंचे थे। मरीज पर्चा लिए डाक्टर का इंतजार करते रहते है। इस बारे में चिकित्सा अधीक्षक डा. दिलीप भार्गव का कहना है कि वैसे तो वह समय पर पहुंच जाते है, लेकिन वेलनेस सेंटर व सीएचसी का निरीक्षण अक्सर करते रहते है। इस लिए देर हो गयी। स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्था की जिम्मेदारी के लिए लोग तैनात है। कहां गड़बड़ी हो रही है। जांच करेंगे।

 

 

 

 

Previous articleपैथोलॉजी में सैंपल टेस्ट मे दस डाक्टरों की बिगड़ी तबियत
Next articleल्यूपस एक जटिल ऑटोइम्यून बीमारी : प्रो. पुनीत

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here