इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में क्लीनिकल अपडेट की देंगे डाक्टर्स

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*इमरजेंसी ट्रामा फैसिलिटिज को और मजबूत करेगा COMET-25, 500 डॉक्टर्स करेंगे प्रतिभाग*

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*- सीएम योगी की मंशा के अनुरुप प्रदेश में आपातकालीन चिकित्सा सेवा को मजबूत करने के लिए आयोजित किया जा रहा कॉन्क्लेव*

 

 

 

 

 

 

*- पहले दिन केजीएमयू और लोहिया में आयोजित की जाएगी इमरजेंसी ट्रामा केयर को लेकर वर्कशॉप*

*- 12 और 13 अप्रैल को देश-दुनिया के 500 विशेषज्ञ डॉक्टर्स ट्रामा इमरजेंसी को लेकर साझा करेंगे अपने अनुभव*

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

*लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। इसी का असर है कि आठ साल पहले जिस प्रदेश को बीमारू प्रदेश कहा जाता है आज वह उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनकर उभरा है। योगी सरकार ने अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता को बढ़ाया है और ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवा को डिजिटल रूप से सुदृढ़ करने के लिए भी कई योजनाएं बनाई हैं, जैसे कि अस्पतालों में ई-हेल्थ कार्ड और टेलीमेडिसिन सेवाओं की शुरुआत, ताकि लोगों को समय रहते चिकित्सकीय सलाह मिल सके।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

इसी के तहत सीएम योगी के नेतृत्व में राजधानी लखनऊ में शुक्रवार से एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसका नाम है ‘COMET-2025’ है। यह सम्मेलन आपातकालीन चिकित्सा, ट्रॉमा और आपदा प्रतिक्रिया के मुद्दों पर केंद्रित होगा।

*500 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर्स और शासकीय अधिकारी करेंगे प्रतिभाग*
काॅन्क्लेव ऑफ मेडिकल इमरजेंसी एंड ट्रामा (सीओएमईटी-25) के संचालक डॉ. लोकेंद्र गुप्ता ने बताया कि सम्मेलन 11 अप्रैल से शुरू होगा और तीन दिन तक चलेगा। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करना और विभिन्न सरकारी और निजी क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करना है। इस सम्मेलन में 500 से अधिक विशेषज्ञ, शासकीय अधिकारी, मीडिया प्रतिनिधि और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ भाग लेंगे। इस सम्मेलन का मुख्य विषय ‘गोल्डन आवर’ रखा गया है, जो चिकित्सा आपातकालीन स्थितियों में वह महत्वपूर्ण समय है, जब त्वरित इलाज से जीवन बचाया जा सकता है। जैसे कि सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्ति, दिल का दौरा या स्ट्रोक के मरीजों को यदि समय रहते इलाज मिल जाए तो उनकी जान बचाई जा सकती है। ‘गोल्डन आवर’ के दौरान दी गई चिकित्सा मदद से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं, और यह समय सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है। सम्मेलन के पहले दिन 11 अप्रैल को केजीएमयू और राम मनोहर लोहिया में विशेषज्ञों द्वारा डॉक्टर्स को गोल्डन आवर के दौरान क्या करना है, इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके अलावा 12 और 13 अप्रैल को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में विशेषज्ञ डॉक्टर्स गोल्डन अावर पर चर्चा करेंगे और अपने अनुभव साझा करेंगे।

 

 

*गोल्डन आवर के महत्व पर प्रकाश डालेंगे विशेषज्ञ*
डॉ. लोकेंद्र ने बताया कि योगी सरकार की विभिन्न पहलों से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा में सुधार हो रहा है और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। सम्मेलन के जरिए प्रदेश में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को और मजबूत किया जाएगा। साथ ही सम्मेलन में हिस्से लेने वाले डॉक्टर्स को ‘गोल्डन आवर’ के महत्व के बारे में बताया जाएगा ताकि समय रहते उपचार मिल सके और हर साल होने वाली हजारों मौतों को रोका जा सके।

 

 

 

 

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